Maharashtra ED Raid : उद्धव ठाकरे के साले के खिलाफ ED ने की कार्रवाई, छापेमारी कर साढ़े 6 करोड़ रुपये की संपत्ति सील की
Maharashtra ED Raid : शिवसेना का आरोप है कि केन्द्र सरकार बार-बार केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधियों को धमका रही है, शिवसेना नेता संजय राउत ने ईडी की इस कार्रवाई को तानाशाही और प्रतिशोध की कार्रवाई करार दिया है.....
Maharashtra ED Raid : महाराष्ट्र में केन्द्रीय प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मंगलवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thakerey) के साले के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. पहली बार सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार की संपत्ति जब्त की गयी है. इसके तहत उसने पुष्पक ग्रुप की कंपनियों में शामिल पुष्पक बुलियन की 6.45 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अटैच किया है.
ईडी की इस कार्रवई में अटैच संपत्ति के तहत ठाणे के नीलांबरी प्रोजेक्ट के 11 आवासीय फ्लैट को भी सीज कर लिया गया है. यह प्रोजेक्ट श्री साईबाबा गृहानिरमिति प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत चल रहा था. इनका स्वामित्व और नियंत्रण श्रीधर माधव पाटनकर (Shridhar Madhav Patankar) के पास है. ईडी का यह कदम आयकर विभाग की ओर से की गयी सिलसिलेवार छापेमारी के बाद सामने आया है। इस दौरान उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे, शिवसेना नेता अनिल परब के ठिकानों पर भी छापेमारी की गयी थी.
इधर शिवसेना (Shivsena) की ओर से इन सभी कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया गया है। शिवसेना का आरोप है कि केन्द्र सरकार बार-बार केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधियों को धमका रही है। शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ईडी की इस कार्रवाई को तानाशाही और प्रतिशोध की कार्रवाई करार दिया है. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने पुष्पक बुलियन और उसकी समूह कंपनियों के खिलाफ 6 मार्च 2017 को मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था और अस्थायी तौर पर पुष्पक बुलियन की 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति को जब्त किया था.
यह संपत्ति महेश पटेल, चंद्रकांत पटेल और उनके परिवार और उनके स्वामित्व वाली कंपनियों की थी. बाद की जांच से पता चला कि महेश पटेल ने नंदकिशोर चतुर्वेदी (आवास सुविधा प्रदाता) की मिलीभगत से पुष्पक समूह की कंपनी मेसर्स पुष्पक रियल्टी के धन का गबन और हस्तांतरण किया था. पुष्पक रियल्टी डेवलपर ने बिक्री, फंड ट्रांसफर की आड़ में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति नंदकिशोर चतुर्वेदी द्वारा नियंत्रित कंपनियों को दी. इसे अन्य कंपनियों के जरिये घुमाफिराकर उन तक पहुंचाई गई.
वही दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और शिवसेना की महाराष्ट्र सरकार में साझेदार शरद पवार ईडी की इस कार्रवाई को सरकारी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बताया है. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि केन्द्र सरकार साधनों के दुरुपयोग कर रही है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि सच कहूं तो 15 साल पहले यहां बैठे लोगों ने ईडी का नाम भी नहीं सुना होगा लेकिन आज गांव-गांव में लोग ईडी को जानने लगे हैं. दुर्भाग्य से इस सबका दुरुपयोग किया जा रहा है.