Maharashtra : कुर्ला की अदालत का पुलिस को फटकार, शांतिपूर्ण प्रदर्शन के आरोप में मुकदमा झेल रही 5 महिलाओं को किया बाइज्जत बरी

Maharashtra : साल 2015 में पानी की आपूर्ति कई दिनों तक बाधित होने के बाद कुछ महिलाएं मुंबई के ईस्टर्न फ्रीवे पर इकट्ठा हुई थीं।

Update: 2022-04-24 06:51 GMT

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Mumbai : मुंबई के कुर्ला कर एक मजिस्ट्रेट अदालत ( Kurla magistrate Court )  ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन ( Peaceful Protest ) करने के आरोप में पिछले सात साल से मुकदमा झेल रही 5 महिलाओं को बाइज्जत बरी कर दिया है। अदालत ने इस मामले में पुलिस को फटकार भी लगाई है। अदालत ने कहा है कि पानी की समस्याओं को लेकर शांतिपूर्ण विरोध व प्रदर्शन लोकतंत्र में हर नागरिक का अधिकार है। पुलिस मामले को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के बदले लोगों को गिरफ्तार करने और मामला दर्ज करने का हक नहीं है।

पुलिसिया कार्रवाई को बताया गलत

हाल ही में कुर्ला की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ( Kurla magistrate Court ) ने 2015 के एक मामले में सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। इस मामले की सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट आरएस पाजानकर ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण आंदोलन हर किसी का एक मौलिक अधिकार है। महिलाएं अपने क्षेत्र में कुछ दिनों से पानी की आपूर्ति नहीं होने को लेकर आंदोलन कर रही थीं। पुलिस द्वारा उन्हें समझाकर घर भेजे जाने के बाद उनपर पुलिस शिकायत दर्ज करने का कोई कारण नहीं था।

पुलिस ने 5 महिलाओं को हिरासत में लिया था

कुर्ला पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को भारतीय दंड संहिता के तहत गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने के आरोप में 2015 में हिरासत में लिया था। महिलाएं पानी की आपूर्ति न होने वजह से मुंबई के ईस्टर्न फ्रीवे पर इकट्ठा हुई थीं। उस दौरान उनके इलाके में कुछ दिनों तक पानी की सप्लाई ठप रही थी। महिलाओं के विरोध के चलते यातायात में बाधा आने के कारण 5 महिलाओं को हिरासत में लिया गया था, जिसमें दो बुजुर्ग नागरिक भी शामिल थीं।

पुलिस के सबूत निकले कमजोर

इस मामले में अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश किए गए सबूतों पर समीक्षा करने के बाद अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि जांच अधिकारी के साक्ष्य की पुष्टि नहीं हो सकी। दो स्वतंत्र गवाहों ने इस बात का खंडन भी किया। कुर्ला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा कि एफआईआर दाखिल करने में देरी हुई और रिपोर्ट में इसके कारण का खुलासा नहीं किया गया।

बता दें कि साल 2015 में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दिन 40 से 50 महिला एकत्रित थीं, लेकिन एक महिला को ही क्यों गिरफ्तार किया गया था। कुर्ला अदालत ( Kurla magistrate Court ) ने इस बात पर भी गौर किया कि यह अजीब है कि घटना के समय 35 से 40 महिलाएं मौके पर मौजूद थीं। ऐसे में पुलिस ने केवल एक आरोपी को ही गिरफ्तार क्यों किया। प्रदर्शन में शामिल अन्य महिलाओं को गिरफ्तार क्यों नहीं किया।

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