Maharashtra News : 10 साल पहले लापता हुई बच्ची अब परिवार से मिली, पूराने गुमशुदा पोस्टर से लगाया पता

Maharashtra News : साल 2013 में स्कूल जाते समय 7 साल की बच्ची को किसी ने अगवा कर लिया था। घर वालों ने बहुत खोजा, पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, पुलिस ने सालों साल बच्चे की खोज की लेकिन उसका पता नहीं चल...

Update: 2022-08-06 13:08 GMT

Maharashtra News : 10 साल पहले लापता हुई बच्ची अब परिवार से मिली, पूराने गुमशुदा पोस्टर से लगाया पता

Maharashtra News : 22 जनवरी साल 2013 में स्कूल जाते समय 7 साल की बच्ची को किसी ने अगवा कर लिया था। घर वालों ने बहुत खोजा। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने सालों साल बच्चे की खोज की लेकिन उसका पता नहीं चला। इस दौरान सरकारी रिकॉर्ड मैं उसकी पहचान भी सिंगल नंबर 166 बन गई।

घर से 500 मीटर की दूरी पर रह रही थी बच्ची

साल 2022 में वह बच्ची 16 साल की हो गई। उसे अपने परिवार से अलग हुए 9 साल हो गए थे। मुंबई के अंधेरी पश्चिम इलाके में वह अपने घर से 500 मीटर दूर ही रह रही थी, लेकिन उसे इस बात की खबर नहीं थी। आखिरकार, 4 अगस्त 2022 को रात 8:20 बजे वह अपने परिवार से मिली।

स्कूल जाते समय बच्ची को किया गया अगवा 

मुंबई की सात साल की पूजा गौड़ 22 जनवरी 2013 को अपने भाई के साथ स्कूल जा रही थी। इसी दौरान भाई-बहन में पॉकेट मनी को लेकर झगड़ा हुआ और वह पीछे रह गई। आरोपी जोसेफ डिसूजा ने स्कूल के पास लड़की को भटकते हुए देखा। वह और उसकी बीवी सोनी लंबे समय से संतान के लिए तरस रहे थे। उसने बच्ची को अगवा कर लिया।

अपना बच्चा पैदा होने पर बेबी सिटिंग के काम पर लगाया

2016 में डिसूजा और सोनी के घर बच्चा पैदा हुआ। दो बच्चों का खर्च उठाने में दिक्कत आने के बाद डिसूजा ने पूजा को कर्नाटक से वापस बुला लिया। उन्होंने उसे बेबी सिटिंग के काम पर लगा दिया। उन्होंने अपना घर भी बदल लिया। वे लोग अंधेरी (पश्चिम) के उसी गिल्बर्ट हिल इलाके में आकर रहने लगे, जहां पूजा का असली घर था।

गुमशुदा के तलाश वाले है चुके थे पोस्टर 

​​​​​डीएन नगर के सीनियर इंस्पेक्टर मिलिंद कुर्दे ने बताया कि डिसूजा को लगा था कि लड़की के बड़े हो जाने के चलते उसे कोई पहचान नहीं पाएगा। उसके 'गुमशुदा की तलाश' वाले पोस्टर्स भी हट चुके थे। उन्होंने लड़की से भी कह दिया था कि इलाके में किसी से बात न करे।

रोज बच्ची के साथ मार-पीट करते थे दंपती

पूजा के अंकल ने बताया कि डिसूजा की पत्नी सोनी उसे मारती-पीटती थी। डिसूजा शराब के नशे में उसे कहता था कि 2013 में उसे कहीं से उठा लाया था। इस बात से पूजा को समझ आया कि वे दोनों उसके माता-पिता नहीं हैं, लेकिन वह उन दोनों से इतना डरती थी कि उसे समझ नहीं आता था वहां से कैसे भागे।

ऐसे पूजा ने लगाया अपने परिवार का पता

जिस घर में पूजा 7 महीने से बेबी सिटर के तौर पर काम कर रही थी, वहां की हाउस हेल्प ने पूजा की मदद की। पूजा की कहानी सुनने के बाद हाउस हेल्प ने गूगल पर लड़की का नाम, मिसिंग और डिसूजा नाम डालकर सर्च किया, जिससे उस समय लड़की को ढूंढ़ने के कैंपेन से जुड़े आर्टिकल मिले।

उन आर्टिकल्स में अपनी तस्वीर देखने के बाद पूजा को सब कुछ याद आ गया। उसे अपना घर भी याद आ गया, जो पास ही था। पूजा को एक मिसिंग पोस्टर पर पांच फोन नंबर मिले। उसमें से चार काम नहीं कर रहे थे, लेकिन पांचवां नंबर पड़ोस में रहने वाले रफीक का था। वह नंबर काम कर रहा था।

पुलिस की मदद से 9 साल बाद पूजा अपने परिवार से मिली

पूजा के परिवार ने उसके काम करने की जगह की डिटेल्स निकालीं और डीएन नगर पुलिस स्टेशन को सूचना दी। जब पुलिस वहां पहुंची तो पूजा जिस बच्चे की बेबी सिटिंग करती थी, उसे घुमाने का बहाना करके नीचे आई। रात 8.20 बजे पूजा और उसकी मां 9 साल बाद मिले।

दंपती के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज 

पुलिस ने डिसूजा दंपति के खिलाफ अपहरण, मानव तस्करी, गैर-कानूनी मजदूरी कराने समेत कई सेक्शंस में मामला दर्ज किया है। हैरी डिसूजा को पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है, जबकि उसकी पत्नी सोनी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि उनकी छह साल की बच्ची की देखभाल के लिए कोई और मौजूद नहीं है।

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