Maharashtra News : अमरावती हत्याकांड को NIA ने बताया आतंकी वारदात, आरोपियों का मकसद था दहशत फैलाना

Maharashtra News : एनआईए ने दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि देशवासियों के एक वर्ग को आतंकित करने के मकसद से आईएसआईएस स्टाइल से यह मर्डर किया गया, एनआईए इसकी भी जांच करेगी कि क्या यह मामला था राष्ट्रिय साजिश का हिस्सा है या फिर विदेश से इस बर्बर अपराध को भड़काया गया है...

Update: 2022-07-03 08:32 GMT

Maharashtra News : अमरावती हत्याकांड को NIA ने बताया आतंकी वारदात, आरोपियों का मकसद था दहशत फैलाना

Maharashtra News : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या को आतंकी वारदात बताया है। एनआईए ने बीते शनिवार देर रात दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि देशवासियों के एक वर्ग को आतंकित करने के मकसद से आईएसआईएस स्टाइल से यह मर्डर किया गया। एनआईए इसकी भी जांच करेगी कि क्या यह मामला था राष्ट्रिय साजिश का हिस्सा है या फिर विदेश से इस बर्बर अपराध को भड़काया गया है।

नूपुर शर्मा के समर्थन पर की गई हत्या

पीड़ित के बेटे की शिकायत के आधार पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16, 18 और 20 और धारा 34, 153 (ए), 153 (बी), 120 (बी) और 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि अमरावती के फार्मेसिस्ट उमेश प्रहलादराव कोल्हे को तीन बाइक सवार इस्लामवादियो ने मौत के घाट उतार दिया था क्योंकि उसने पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा की कथित पैगंबर विरोधी टिप्पणी पर समर्थन किया था। एफआईआर में मुदस्सर अहमद, शाहरुख खान, शाहरुख पठान, अब्दुल तौफीक, शोएब खान, आतिब राशिद, युसूफ खान, शाहिम अहमद और इरफान खान को अज्ञात लोगों के साथ आरोपी बनाया गया है।

बर्बर हत्या से आतंक फैलाने की कोशिश

एनआईए के एफआईआर के अनुसार मृतक उमेश कोल्हे की निर्मम हत्या आरोपियों और अन्य लोगों की एक बड़ी साजिश थी, जिन्होंने भारत के लोगों के एक वर्ग के बीच आतंक फैलाने की कोशिश की। साथ ही धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना इसका मकसद था। इस वारदात को 21 जून की रात 10:00 से 10:30 बजे के बीच अंजाम दिया गया। बता दें कि एनआईए ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के उस आदेश के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें नोडल संघीय जांच एजेंसी को मामले की जांच के लिए कहा गया था।

पुलिस ने लूट के लिए की गई हत्या बताया

अमरावती पुलिस ने इस वारदात को लूट के मकसद से की गई हत्या का मामला बताया था। एनआईए की प्राथमिकी में यह साफ कहा गया है कि पीड़ित की दुकान से कुछ भी चोरी नहीं हुआ था। ऐसे में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के तहत राज्य की पुलिस पर भी गंभीर सवाल उठते हैं। तथ्य यह है कि राज्य पुलिस के डीजीपी ने पूछने के बावजूद घटना के बारे में केंद्र को कोई रिपोर्ट नहीं भेजी बल्कि एनआईए की ओर से मामले को उठाने का इंतजार किया।

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