Maharashtra Political Crisis : एकनाथ शिंदे गुट को SC से बड़ी राहत, अयोग्य ठहराने पर लगी 11 जुलाई तक रोक
Maharashtra Political Crisis : सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट को बड़ी राहत देते हुए अयोग्य ठहराए जाने वाले नोटिस पर जवाब देने के लिए 11 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का समय दिया है, वहीं डिप्टी स्पीकर ने विधायकों को आज तक का ही समय दिया था...
Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र (Maharashtra) में चल रही सियासी उठा-पटक के बीच रोज नए मोड़ सामने आ रहे है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को बड़ी राहत देते हुए अयोग्य ठहराए जाने वाले नोटिस पर जवाब देने के लिए 11 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का समय दिया है। वहीं डिप्टी स्पीकर ने विधायकों को आज तक का ही समय दिया था। इस तरह शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने पर फिलहाल रोक लग गई है।
विधायकों की सुरक्षा पर महारष्ट्र सरकार को निर्देश
एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने डिप्टी स्पीकर समेत महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव, केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है। बता दें कि डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने एकनाथ शिंद व अन्य 15 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का नोटिस दिया था। विधायकों की तरफ से जान की धमकी मिलने के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और ऐसे कदम उठाए कि उनकी संपत्ति को भी नुकसान न पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगे डिप्टी स्पीकर कार्यालय के दस्तावेज
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधानसभा के सक्षम अधिकारी से जबाव मांगा जाएगा कि उन्हें अपने खिलाफ प्रस्ताव मिला था या नहीं। सख्त लहजे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या डिप्टी स्पीकर अपने ही मामले में जज बन गए हैं और प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस पर डिप्टी स्पीकर के वकील ने कहा कि ईमेल के माध्यम से भेजा गया निष्कासन का प्रस्ताव प्रामाणिक नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर कार्यालय के सभी रेकॉर्ड देखे जाएंगे।
उद्धव सरकार अल्पमत में है - शिंदे गुट
सुप्रीम कोर्ट ने पहले एकनाथ शिंदे गुट की दलीलें सुनीं। वकील ने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट का कहना है कि उद्धव सरकार अल्पमत में है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि गुवाहाटी के होटल में ठहरे विधायकों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इसके बाद उद्धव सरकार की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, शिंदे की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में भी सुनवाई हो सकती थी। साथ ही उन्होंने कहा कि जब एक स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लंबित है तो क्या ऐसे में अयोग्यता याचिकाओं पर कोई फैसला किया जा सकता है।