Maharashtra Political Crisis: डिप्टी स्पीकर के अयोग्यता नोटिस पर एकनाथ शिंदे खेमा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

Maharashtra Political Crisis: बता दें कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और 15 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। शिंदे गुट की ओर से दायर की गई याचिका में विधायकों ने कहा, शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई ज्यादा सदस्य हमारा समर्थन करते हैं।

Update: 2022-06-26 17:28 GMT

Maharashtra Political Crisis: डिप्टी स्पीकर के अयोग्यता नोटिस पर एकनाथ शिंदे खेमा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

Maharashtra Political Crisis: बागी शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे (Rebel Shiv Sena MLA Eknath Shinde) ने डिप्टी स्पीकर (Deputy Speaker) द्वारा महाराष्ट्र के बागी विधायकों के खिलाफ जारी अयोग्यता नोटिस (disqualification notice) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के स्थान पर अजय चौधरी (Ajay Choudhary) को सदन में शिवसेना (Shiv Sena) के विधायक नेता के रूप में नियुक्त करने को भी चुनौती दी गई है। शिंदे गुट के विधायकों के द्वारा दाखिल की गई इस याचिका को सुप्रमी कोर्ट ने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया है।

शिंदे गुट के विधायकों ने याचिक में क्या कहा

जानकारी के लिए आपको बता दें कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और 15 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। शिंदे गुट की ओर से दायर की गई याचिका में विधायकों ने कहा, शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई ज्यादा सदस्य हमारा समर्थन करते हैं। इस तथ्य से पूरी तरह वाकिफ होने के बाद भी डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नया नेता नियुक्त कर दिया। याचिका में डिप्टी स्पीकर के नोटिस को पूरी तरह से अवैध और मनमाना बताया गया है।

इसके अलावा इस याचिका में यह भी कहा गया है कि नोटिस के बाद उन्हें और उनके अन्य सहयोगियों को हर दिन धमकियां मिल रही हैं। उनकी जान को खतरा है। याचिका में कहा गया है, शिवसेना ने ना केवल उनके आवास और परिवार के सदस्यों से सुरक्षा वापस ले ली है, बल्कि बार-बार पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काने का प्रयास भी किया जा रहा।

शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की अपनी एक और याचिका में कहा है कि उन्होंने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार से नाता तोड़ लिया है। क्योंकि पार्टी बालासाहेब के आदर्शों के खिलाफ जा रही थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के एक अपवित्र गठबंधन के कारण शिवसेना के सिद्धांतों से समझौता किया जा रहा है।

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