महिला का घर तोड़ने पर पुलिस पर भड़के Patna HC के जज, कहा - तमाशा बना दिया, किसी का घर बुलडोजर से तोड़ देंगे, और दो क्रिमिनल्स को वोट

Patna High Court News : पटना हाईकोर्ट के जस्टिस की नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने वकील वे पूछा - क्या यहां भी बुलडोजर ( Bulldozer ) चलना शुरू हो गया है? कौन करता है ये काम?

Update: 2022-12-04 07:14 GMT

महिला का घर तोड़ने पर पुलिस पर भड़के पटना HC के जज, कहा - तमाशा बना दिया, किसी का घर बुलडोजर से तोड़ देंगे, और दो क्रिमिनल्स को वोट

Patna High Court News : बिहार की राजधानी पटना ( Patna ) के कदमकुआं ( Kadamkuan ) में लैंड माफियाओं ( Land mafia ) से मिलकर सिटी पुलिस ( Patna Police ) द्वारा एक महिला का घर ध्वस्त करने पर हाईकोर्ट ( Patna High court ) के जज इतना नाराज हुए कि उन्होंने आठ दिसंबर को नीचे ने लेकर एसएसपी तक को एक साथ अदालत में हाजिर होने का फरमान सुना दिया है। उन्होंने पूरे के पूरे अमले को जोरदार फटकार लगाते हुए कहा​ कि तमाशा बना दिया, किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ ( house bulldozed ) देंगे? अंत में उन्होंने कहा कि और दो क्रिमिनल्स को वोट।

पीड़ित द्वारा यह कहने पर कि थाना पुलिस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने खुद खड़े होकर घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप कुमार ने एक वकील से पूछा आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं? राज्य का या किसी निजी व्यक्ति का? तमाशा बना दिया, किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ देंगे। हाईकोर्ट के जज यहीं पर नहीं रुके, उनकी नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने वकील वे पूछा - क्या यहां भी बुलडोजर चलना शुरू हो गया है? कौन करता है?


जस्टिस संदीप कुमार ( Justice Sandeep Kumar ) की पीठ ने सुनवाई के दौरान यह भी पाया कि सभी अधिकारी कुछ भू-माफियाओं के साथ मिले हुए हैं। भूमि विवादों को चिन्हित कर थाना को ही पावर दे दिया है, फांसी देना का? आपका समस्या है तो थाना जाएं, पैसा दीजिए और किसी का घर तुड़वा दीजिए। सिविल कोर्ट को बंद कर दीजिए। उन्होंनों ने आरोपी पक्ष के वकीज से पूछा कि जमीन के विवादों को चिन्हित करने के बाद क्या पुलिस थाने को निष्पादन की शक्ति दी गई है? अगर किसी को कोई समस्या है तो वह थाने में जा सकता है, पैसा दे सकता है, और किसी का घर तोड़ सकता है।

संदीप कुमार की पीठ ने इस मामले में पाया कि पटना पुलिस ने अदालत की शक्तियों का उल्लंघन करते हुए जिस तरह से विचाराधीन घर को ध्वस्त कर दिया। इस मामले में जब पीड़ित के वकील द्वारा अदालत को सूचित किया गया कि कुछ भू-माफिया भी मामले में शामिल हैं और ऐसे व्यक्तियों को प्रतिवादी संख्या 8 से 12 के रूप में दलील में शामिल किया गया है, अदालत ने उन्हें नोटिस जारी किया और उन्हें सुनवाई की अगली तारीख (8 दिसंबर) पर अपने वकीलों के माध्यम से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। साथ ही अगमकुआं पुलिस स्टेशन को प्रतिवादी संख्या 8 से 12 के आपराधिक इतिहास को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।



जब अदालत को याचिकाकर्ता के वकील ने सूचित किया कि पीड़ित और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक झूठा मामला दर्ज किया गया है ताकि भू-माफियाओं के इशारे पर उन पर जमीन खाली करने का दबाव बनाया जा सके। इसके जवाब में जस्टिस संदीप कुमार ने याचिकाकर्ता को आश्वासन दिया कि पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए है न कि याचिकाकर्ता को परेशान करने के लिए। उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी और उनके वकील को हड़काते हुए कहा कि पीड़ित और उसके परिवार को सुरक्षा कवर देना आपकी जिम्मेदारी है।

इस मामले में पटना हाईकोर्ट के जज ने पीड़ित के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर पर रोक लगाते हुए पीड़ित और उसके परिवार के किसी भी सदस्य की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है। अदालत ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि तो अब पुलिस या सीओ मिलकर घर टुड़वा रहे हैं। घुस लेकर पुलिस अधिकारी पटना के भू-माफियाओं के एजेंट बने हुए हैं। इसे तत्काल रोकने की जरूरत है। जस्टिस संदीप कुमार कोर्ट ने राज्य के वकील को अपनी भावनाओं से अवगत कराते हुए ये बात कही।

इसके साथ ही अदालत ने पुलिस अधीक्षक, पटना पूर्व अंचल अधिकारी, पटना सिटी और प्रभारी अधिकारी, अगमकुआं पुलिस स्टेशन पटना को भी आठ दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।

Patna High Court News : बता दें कि इस मामले में 3 दिसंबर, 2022 को पटना हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया पाया कि राज्य पुलिस द्वारा कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना पुलिस अधिकारियों ने लैंड माफियाओं से से मिलीभगत कर घर को गैर कानूनी तरीके से ध्वस्त कर दिया। साथ ही जज ने ये भी कहा कि तमाशा बना दिया, किसी का घर बुलडोजर से तोड़ देंगे, और दो क्रिमिनल्स को वोट।

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