अरुण मिश्रा को NHRC चीफ बनाए जाने पर महुआ मोइत्रा की चुटकी, महिला आयोग के चीफ रंजन गोगाई हो जाएं तो आश्चर्य नहीं
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने ट्वीट में तंज कसते हुए लिखा- अरुण मिश्रा एनएचआरसी के अध्यक्ष होंगे। आश्चर्य नहीं होगा अगर रंजन गोगोई अगले एनसीडब्ल्यू (राष्ट्रीय महिला आयोग) की कमान संभालें....
जनज्वार डेस्क। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बता दें कि मीडिया में कई दिनों से ऐसी रिपोर्टें आ रहीं थी कि जस्टिस मिश्रा को एनएचआरसी का प्रमुख बनाया जा सकता है। अब उस पर औपचारिक तौर पर मुहर लग गई है।
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने सोमवार 31 मई को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा के नाम को मंजूरी दी। एनएचआरसी के अध्यक्ष का पद पिछले 6 माह से खाली था। जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस महेश कुमार मित्तल और आईबी के पूर्व निदेशक डॉ राजीव जैन को एनचआरसी का सदस्य बनाया गया है।
जस्टिस मिश्रा की एनएचआरसी में नियुक्ति अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने ट्वीट में तंज कसते हुए लिखा- अरुण मिश्रा एनएचआरसी के अध्यक्ष होंगे। आश्चर्य नहीं होगा अगर रंजन गोगोई अगले एनसीडब्ल्यू (राष्ट्रीय महिला आयोग) की कमान संभालें।
वहीं हैदराबाद सांसद व एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी तंज कसा है। ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा- 'पीएम मोदी बहुमुखी प्रतिभा के धनी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा प्राप्त दूरदर्शी हैं?' ओवैसी ने जस्टिस मिश्रा के ही शब्दों को दोहराया है जो उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ में कहे थे। इसके साथ ही प्रश्नवाचक चिह्न भी लगाया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का जज रहते हुए जस्टिस मिश्रा ने पीएम मोदी की तारीफ कर खबरों में आए थे। जस्टिस मिश्रा ने मोदी को वर्सेटाइल जीनियस और इंटरनेशनल लेवल पर ख्याति प्राप्त विजनरी बताया था।
जस्टिस मिश्रा का चयन जिस उच्चस्तरीय समिति ने किया है, उसमें पीएम के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश भी शामिल थे।
खबरों के मुताबिक खड़गे ने किसी नाम पर आपत्ति नहीं की। हालांकि उन्होंने आयोग में अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक समुदाय से नियुक्ति न होने पर ऐतराज किया था और इस बारे में चयन प्रक्रिया में प्रावधान न होने पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई। उन्हें बताया गया कि प्रक्रिया में ऐसा प्रावधान नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट से पहले जस्टिस अरुण मिश्रा कलकत्ता और राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रह चुके हैं। इसके अलवा वह मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में भी जज रह चुके हैं। जस्टिस अरुण मिश्रा के अलावा सुप्रीम कोर्ट के जज एम.आर. शाह भी पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं। जस्टिस शाह ने इसी साल फरवरी 2021 में एक समारोह के दौरान पीएम मोदी को सबसे लोकप्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता बताया था।
जस्टिस शाह ने कहा था- 'मुझे गुजरात हाईकोर्ट के हीरक जयंती समारोह में हमारे सबसे लोकप्रिय, प्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भाग लेकर गौरव का अनुभव हो रहा है भारतीय संविधान के तहत स्थापित भारतीय गणतंत्र की खूबियों में से एक है विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्ति का बंटवारा।