Godi Media: मालिक मैजिक के लिए प्राण देता गोदी मीडिया- इनकी चले तो PM Modi को कल्कि अवतार घोषित कर दें
Godi Media: सोशल मीडिया पर गोदी मीडिया ट्रेंड कर रहा है। मालिक के लिए प्राण देती गोदी एंकर-एंकराओं को इन सब बातों की कोई फिक्र नहीं है। सरकार नाम की माला का जाप निरंतर चल रहा है। हार को भी मालिक मैजिक का अमलीजामा पहना दिया गया है...
Godi Media: सोशल मीडिया पर गोदी मीडिया ट्रेंड कर रहा है। मालिक के लिए प्राण देती गोदी एंकर-एंकराओं को इन सब बातों की कोई फिक्र नहीं है। सरकार नाम की माला का जाप निरंतर चल रहा है। हार को भी मालिक मैजिक का अमलीजामा पहना दिया गया है। दुनिया में कोई चमत्कार है तो मालिक के पास, बाकी सबके कंडे सूख रहे हैं। गुजरात की जीत को इस तरह दर्शाया जा रहा है, जिसमें बाकी राज्यों के उप-चुनाव नतीजों के साथ हिंमाचल हार भी ढ़क दी गई है।
एक पाठशाला वाले एंकर ने अब तक गई सभी भक्त मंडलियों के रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया है। किसी भी चैनल का टीवी स्टूडियों खोलो तो लगता है एंकर को प्रवक्ता नियुक्त कर दिया गया है। बीते दिनों वरिष्ठ पत्रकार अभय दुबे की रूबिका लियाकत से हुई बहस इसका ताजा सबूत है। पत्रकार ने एंकरा को सरकारी प्रवक्ता तक कह दिया था।
एमपी यूथ कांग्रेस प्रवक्ता अमन दुबे लिखते हैं, 'भाजपा हार गई : • हिमाचल विधानसभा • दिल्ली एमसीडी चुनाव • राजस्थान उपचुनाव • छत्तीसगढ़ चुनाव द्वारा • चुनाव द्वारा ओडिशा • खतौली (UP) उप चुनाव • मैनपुरी लोकसभा (यूपी) चुनाव द्वारा लेकिन गोदी मीडिया कहता है "गुजरात में मोदी का जादू" शर्म।'
मो. हरीश नाम के यूजर लिखते हैं, 'गोदी मीडिया कांग्रेस से इतना डरती है कि बेशर्मी से दिल्ली की जनता में फूट पैदा कर रही है..जिन राज्यों में बीजेपी को पता है कि वह विफल हो जाएगी, वह आप को अपनी बी टीम के रूप में प्रोजेक्ट करती है। बीजेपी के एजेंडे को तीसरे दर्जे की पत्रकारिता मदद नहीं करेगी..लोग इसे समझेंगे। देर - सवेर।'
श्रीवत्स लिखते हैं, 'गोदी मीडिया पूरी कोशिश कर रहा है कि आज हिमाचल और अधिकांश उपचुनावों में बीजेपी की बड़ी हार के बारे में बात न करे! यह क्यों नहीं पूछते कि हिमाचल प्रदेश में मोदी की इतनी रैलियां विफल क्यों हुईं? यह क्यों नहीं पूछते कि नड्डा के गृह राज्य में बीजेपी कैसे पिट गई? 'गोली मारो' अनुराग ठाकुर से सवाल क्यों नहीं?'
ऐसे तमाम लोग जमकर Godi Media की खिंचाई कर रहे हैं। लेकिन इन सब बातों से शायद ही गोदी मोदी मीडिया पर कोई फर्क पड़े। NDTV के बिकने के बाद लोगों ने इसी तरह की प्रतिक्रियाएं दी थीं। जिनमें लोगों का कहना था, कि एक ही चैनल हमें सच दिखा बता रहा था, अब वो भी सरकारी भोंपू बन जाएगा।