मणिपुर: भाजपा नेता की मौत पर फेसबुक पोस्ट के चलते पत्रकार और कार्यकर्ता गिरफ़्तार

भाजपा अध्यक्ष की मौत के बाद वांगखेम ने अपने फेसबुक पेज पर एक व्यंग्यात्मक पोस्ट करते हुए लिखा था कि 'गोमूत्र और गाय का गोबर कोई काम नहीं आया....

Update: 2021-05-18 07:02 GMT

(पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और राजनीतिक कार्यकर्ता एरेंड्रो लीचोम्बम)

जनज्वार ब्यूरो/गुवाहाटी। देश भर में मामूली फेसबुक पोस्टों को लेकर आए दिन भाजपा सरकार पत्रकारों को गिरफ्तार कर दमन का रास्ता अपनाती रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता केवल संविधान तक ही सीमित रह गई है। भाजपा निरंकुश सत्ता में विश्वास करती है और अपने खिलाफ उठने वाली आवाज़ों को खामोश करने के लिए किसी भी हद तक जाती है।

मणिपुर में एक पत्रकार और एक राजनीतिक कार्यकर्ता को कोविड-19 के कारण भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की मौत पर विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट लिखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और राजनीतिक कार्यकर्ता एरेंड्रो लीचोम्बम को गुरुवार रात उनके घरों से गिरफ्तार किया। राज्य भाजप के उपाध्यक्ष उषाम देबन और महासचिव पी प्रेमानंद मीतेई ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।

स्थानीय कोर्ट ने दोनों को पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पुलिस शिकायत के अनुसार, दोनों ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सैखोम टिकेंद्र सिंह की मौत पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट की थी. जिसमें उन्होंने कहा था, "गोबर और गोमूत्र काम नहीं करते।" दिवंगत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सिंह सेवानिवृत्त प्राध्यापक थे।

पत्रकार वांगखेम को पहले भी उनके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए दो अलग-अलग मामलों में दो बार गिरफ्तार किया गया था। मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत देशद्रोह का आरोप भी लगाया था।

ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ईस्टमोजो की रिपोर्ट के अनुसार, 'उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 505बी (2) (भड़काऊ बयान देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।'

भाजपा अध्यक्ष की मौत के बाद वांगखेम ने अपने फेसबुक पेज पर एक व्यंग्यात्मक पोस्ट करते हुए लिखा था कि 'गोमूत्र और गाय का गोबर कोई काम नहीं आया।'

वहीं जाने-माने कार्यकर्ता लीचोम्बाम ने भाजपा नेता के निधन पर शोक व्यक्त किया, लेकिन साथ ही उन्होंने कोरोना के इलाज के लिए 'गोमूत्र और गोबर' जैसी चीजों को बढ़ावा देने के लिए पार्टी पर हमला भी बोला। उन्होंने लिखा, 'कोरोना का इलाज गोमूत्र और गाय के गोबर से नहीं होगा। इसका इलाज विज्ञान और कॉमन सेंस है।'

इंफाल के शिजा अस्पताल में कोरोना संबंधी समस्याओं के चलते भाजपा नेता टिकेंद्र की मौत हुई थी।

पिछले हफ्ते, वायरस से बचाव के लिए लोगों के एक समूह की गाय के गोबर से अपने शरीर को पोंछने की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुईं थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कोई सबूत नहीं है जो बताता हो कि गाय का गोबर वायरस के खिलाफ प्रभावी है। गायों की सुरक्षा और उसकी भलाई भाजपा के मुख्य एजेंडे में से एक है।

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