Manish Gupta Murder Case : SC ने केंद्र और UP सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब, CBI जांच को लेकर पूछा सवाल

Manish Gupta Murder Case : मनीष गुप्ता की पत्नी की ओर से दाखिल की गई याचिका में जांच को सीबीआई (CBI) को ट्रांसफर करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि उन्हें यूपी पुलिस की एसआईटी जांच पर भरोसा नहीं है।

Update: 2021-10-29 12:21 GMT

(मृतक मनीष गुप्ता)

Manish Gupta Murder Case : उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या (Manish Gupta Murder Case) के मामले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच (CBI Investigation) की याचिका पर केंद्र सरकार और योगी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।

जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने पूछा कि मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है? जिस पर मनीष गुप्ता की पत्नी (Manish Gupta's Wife) की ओर से कहा गया कि एक प्रेस नोट दिया गया था कि मामले की जांच सीबीआई (CBI) के लिए सिफारिश की गई है लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं किया गया है। यहां तक कि यूपी पुलिस की एसआईटी ने क्राइम सीन का रिकंस्ट्रक्शन भी नहीं किया है।

मनीष गुप्ता की पत्नी की ओर से दाखिल की गई याचिका में जांच को सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि उन्हें यूपी पुलिस की एसआईटी जांच पर भरोसा नहीं है। यूपी पुलिस ने इस मामले में शुरू से ही आरोपियों को बचाने की कोशिश की है। पहले इसे दुर्घटना बताया गया फिर 48 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई है। लिहाजा मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए और ट्रायल को दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। 

27 सितंबर की सुबह आठबजे मनीष गुप्ता अपने दोस्तों हरवीर और प्रदीप के साथ घूमने गए थे। तीनों दोस्त तारामंडल स्तित होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे थे। उस रात ही रामगढ़ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा समेत छह पुलिसकर्मी रात के बाद होटल में चेकिंग के लिए पहुंच गए। इसके बाद कमरे में तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिकर्मियों से विवाद बढ़ गया।

आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने मनीष की पिटाई कर दी थी जिसके बाद उसकी मौत (Manish Gupta Murder Case) गई। पुलिस ने पहले उसकी मौत की वजह 'नशे में गिरना' बताया था लेकिन बाद में केस दर्ज किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मनीष के शरीर पर कई चोट के निशान मिले थे। मनीष की पत्नी मीनाक्षी की शिकायत पर पुलिस ने तीन नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

मनीष गुप्ता हत्याकांड के 13वें दिन आरोपी इंस्पेक्टर व दरोगा को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी पुलिसकर्मी लगातार स्थान बदल रहे थे। यूपी एसटीएफ, कानपुर एसआईटी, गोरखपुर पुलिस व क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीमों को जल्दी सफलता नहीं मिल सकी थीं। टीमें लगातार अमेठी, बलिया, बाराबंकी, गाजीपुर, समेत कई जिलों में दबिश दे रही थी। हत्यारोपी जगत नारायण सिंह थाने में इंस्पेक्टर था, उसी क्षेत्र से उसकी गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को बंदियों के वाहन में बैठाकर देर रात मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था।

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