Mirzapur News : नवरात्रि पर गंगा स्नान के दौरान डूबे 7 युवक, अपनी जान पर खेलकर नाविकों ने बचाई छह की जिंदगी, एक की मौत

Mirzapur News : प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब सभी को बचाया जा रहा था उस समय वह लोग एक युवक की तलाश करना भूल गए। बाद में जब पता किया गया तो मालूम चला कि रोहित गुप्ता नाम का युवक अभी लापता ही है जिसकी फिर तलाश की गई....

Update: 2022-04-12 13:17 GMT

Mirzapur News : नवरात्रि पर गंगा स्नान के दौरान डूबे 7 युवक, अपनी जान पर खेलकर नाविकों ने बचाई छह की जिंदगी, एक की मौत

संतोष देव गिरी की रिपोर्ट

Mirzapur News : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर स्थित विख्यात विंध्याचल देवी धाम (Vindhyachal Devi Dham) के दर्शन करने आए सात युवा श्रद्धालुओं (Pilgrims) को हादसे का शिकार होना पड़ा। हालांकि इस हादसे में एक युवक की जान नहीं बच पायी। ये सभी युवक बिहार (Bihar) के बक्सर जिले के सोहन पट्टी गांव से आए थे। 

जानकारकी के मुताबिक सात युवक रोहित गुप्ता (17 वर्षीय), अमित (17 वर्षीय), शिवम (18 वर्षीय), अंकित (17 वर्षीय), विजेंद्र राय (20 वर्षीय), अविनाश (19 वर्षीय), रोहित उपाध्याय (18 वर्षीय) और आदर्श यादव (19 वर्षीय) मंगलवार को 12 बजे ट्रेन से विंध्याचल धाम के दर्शन और पूजा करने आए थे। इन युवाओं ने देवी धाम के दर्शन करने से पहले गंगा में स्नान करना उचित समझा और इसके लिए वह परशुराम घाट पहुंचे। 

स्थानीय लोगों ने बताया कि सभी एकांत में स्नान करने गए थे और देखते ही देखते सभी गंगा नदी में डूबने लगे थे। उन्हें डूबता देख मौके पर मौजूद नाविकों ने  6 युवकों को तो किसी प्रकार डूबने से बचाया लेकिन उनमें से एक की हालत गंभीर हो चुकी थी। उसे तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब सभी को बचाया जा रहा था उस समय वह लोग एक युवक की तलाश करना भूल गए। बाद में जब पता किया गया तो मालूम चला कि रोहित गुप्ता नाम का युवक अभी लापता ही है जिसकी फिर तलाश की गई। उसे किसी तरह गंगा की धारा से ढूंढ निकाला गया और आनन-फानन में उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

स्थानीय लोगों के मुताबिक जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय घाट पर कई नाविक और गोताखोर मौजूद थे। सूचना मिलते ही विंध्याचल कोतवाली प्रभारी भी मौके पर पहुंच गए वरना और कोई बड़ी घटना भी हो सकती थी। मौके पर मौजूद नाविक सूरज कुमार पुत्र सियाराम, साजन साहनी पुत्र सुखिनारायण, लक्ष्णु पुत्र सुखीनारायण ने जान पर खेलकर गंगा नदी डूब रहे लोगों को बचाने की खातिर अपनी जान की बाजी लगाकर गंगा नदी में कूद गए थे।

सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर विंध्याचल इंस्पेक्टर नीरज पाठक, धाम चौकी प्रभारी आर. एन. शुक्ला तथा हेड कांस्टेबल सुदिष्ट पांडेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने ही रोहित गुप्ता को अपने वाहन से स्वास्थ्य केंद्र विंध्याचल पहुंचाया, हालात गंभीर देखते हुए रोहित को जिला अस्पताल रेफर किया गया। पुलिस अधिकारी खुद उसे फिर लेकर जिला अस्पताल के लिए रवाना हो गए। लेकिन कुछ देर बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने रोहित गुप्ता को किया मृत घोषित कर दिया।

लोगों की जान से कीमती है बांस बल्ली

बता दें कि प्रशासन के आला-अफसरों ने भरोसा जताया था कि विंध्याचल देवी धाम में चैत्र नवरात्र 2022 की तैयारियों से लेकर नवरात्रि (Navratri) के समापन तक गंगा घाटों की बैरिकेटिंग, साफ-सफाई, पेयजल के साथ-साथ कुछ पुलिसबल की तैनाती पूर्णिमा (17 जुलाई) तक बनी रहेगी। लेकिन साहबान जैसे ही नवरात्रि की अंतिम बैठक में सबको धन्यवाद ज्ञापित कर मेला क्षेत्र से दूर हुए तो पीछे से सारी व्यवस्थाएं भी नदारद हो गईं।

गंगा में स्नान करने वालों की सुरक्षा को देखते हुए बांस की बल्लियां से बैरिकेडिंग की गई थी लेकिन वे उसे भी उखाड़ ले गए थे। शुक्र है कि मौके पर नाविक मौजूद रहे जिनकी बदौलत सात में छह युवक की जिंदगी बच गईं वरना लापरवाह जिला प्रशासन, नगर पालिका प्रशासन सात मौतों का ठीकरा किसी ओर के सिर पर मढ़ देता। 


गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा अरबों रुपये खर्च करके विंध्याचल देवी धाम में श्रद्धालुओं को खींचने के लिए विंध्य कॉरिडोर पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गंगा तट पर बांस-बल्लियों से काम चलाया जा रहा था। मेला समाप्त होते ही उन्हें हटा लिया गया। बता दें कि यह पहली घटना नहीं है कि जब श्रद्धाुल गंगा में डूब गए हों, प्रतिवर्ष इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं लेकिन कोई इसका ठोस प्रबंध नहीं कर पा रहा है। 

मंडलीय अस्पताल में मृत दर्शनार्थी के शव की दिखी दुर्दशा

गंगा घाट पर स्नान के दौरान डूबे रोहित यादव के दोस्त इस हादसे को भूले नहीं भुला पा रहे हैं। उसके सभी दोस्त जिला अस्पताल पहुंचे। रोहित को जिला अस्पताल पहुंचाने के बाद पुलिस प्रशासन के लोग वहां से रवाना हो लिए थे। बताया जा रहा है कि रोहित को जिला अस्पताल परिसर स्थित शव घर ले जाने के लिए अस्पताल का कोई भी कर्मचारी नजर नहीं आया तो खुद उसके साथी ही स्टेचर पर उसकी लाश को घर ले गए।

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