किसान आंदोलन से बेनकाब हुईं मोदी सरकार कॉर्पोरेट परस्त मानसिकता, SKM की चेतावनी अंत तक जारी रहेगा संघर्ष

संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जल्द से जल्द सभी किसानों को रिहा किया जाए व सभी मुकदमे वापस किए जाएं अन्यथा पूरे हरियाणा में सख्त विरोध किया जाएगा....

Update: 2021-06-03 14:40 GMT

(संयुक्त किसान मोर्चा 5 जून को "संपूर्ण क्रांति दिवस" मनाएगा जिसमें देशभर में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं के दफ्तरों-घरों के बाहर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएगा)

जनज्वार। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया कि पिछले साल 5 जून को केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी व जन विरोधी 3 कृषि कानून लाए गए थे। कोरोना लॉकडाउन की आड़ में सरकार ने देश की जनता पर तीन कानून थोपे जिसका किसानों व आम नागरिकों ने खुलकर विरोध किया। इन कृषि कानूनों का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ और दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 6 महीनों से ज्यादा समय से विशाल आंदोलन चल रहा है। सरकार की कॉर्पोरेट पक्षीय मानसिकता और किसानों मजदूरों के शोषण की नीतियां इस आंदोलन ने बेनकाब की है।

'ठीक इसी तरह सरकार के फासीवादी और शोषणकारी रवैया के खिलाफ 1974 में जयप्रकाश नारायण एवं अन्य नेताओं के नेतृत्व में एक जन आंदोलन हुआ था। 5 जून 1974 को जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था एवं अंत में केंद्र सरकार को उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा था। संयुक्त किसान मोर्चा 5 जून को "संपूर्ण क्रांति दिवस" मनाएगा जिसमें देशभर में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं के दफ्तरों और घरों के बाहर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध किया जाएगा। यह विरोध पूर्ण रूप से शांतमयी होगा एवं केंद्र सरकार को सीधी चेतावनी होगी कि देश की जनता को यह कानून मंजूर नहीं है।'

एसकेएम ने बयान जारी कर कहा कि 6 जून 2017 को मध्यप्रदेश के मंदसौर में अपनी मूलभूत मांगों को सरकार के सामने रखने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज व गोलीबारी की गई थी। इसमें 6 किसान शहीद हुए थे और सैकड़ों जख्मी हुए थे। इसी घटनाक्रम के बाद देश के तमाम किसान संगठन एक साथ आकर आए व देश भर में किसानों का समन्वय स्थापित हुआ। उन सभी शहीद किसानों को याद करते हुए 6 जून को मंदसौर में किसान नेता इकट्ठे होकर श्रद्धांजलि देंगे। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा सभी देशवासियों से अपील करता है कि 6 जून को मंदसौर के शहीद किसान एवं संयुक्त इस आंदोलन के शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए संकल्प ले कि किसान किसी भी पुलिस कार्रवाई से नहीं डरेंगे व अंत तक संघर्ष करेंगे।

मोर्चा ने आगे कहा कि किसान आंदोलन में हर आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने में सहयोग करने वाले हेमकुंट फाउंडेशन के गुड़गांव स्थित अस्थाई कोविड अस्पताल पर कुछ अराजक तत्वों ने हमला किया एवं उपलब्ध स्वास्थ्य व्यवस्था तहस-नहस कर दी। हेमकुंट फाउंडेशन मानवता भलाई का एक बड़ा स्रोत है एव इंसानियत और जनकल्याण को समर्पित है। इस प्रकार के हमले निश्चित तौर पर असामाजिक तत्वों के कायराना चरित्र को दिखाता है। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं एवं लोगों से अपील करते हैं कि हेमकुंट फाउंडेशन का हर संभव सहयोग करें।

'हरियाणा के टोहाना में विधायक देवेन्द्र बबली का विरोध कर रहे किसानों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया। सयुंक्त किसान मोर्चा इसकी कड़ी निंदा करता है और हरियाणा सरकार को चेतावनी देता है कि जल्द से जल्द सभी किसानों को रिहा किया जाए व सभी मुकदमे वापस किए जाएं अन्यथा पूरे हरियाणा में सख्त विरोध किया जाएगा।'

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