CBI -ED Directors : विपक्ष ने पूछे तीखे सवाल - मोदी सरकार इतनी हड़बड़ी में क्यों, जरूर कोई बड़ी गड़बड़ी है

CBI -ED Directors : सीबीआई और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने संबन्धी ऑर्डिनेंस लाने पर विपक्षी दलों तृणमूल कांग्रेस और माकपा ने केंद्र की मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं।

Update: 2021-11-14 15:51 GMT

(CBI और ED के डायरेक्टर के कार्यकाल ऑर्डिनेंस के माध्यम से बढाने पर वामदलों ने मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं )

CBI-ED Directors : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई (Central Intelligence Buroue) और प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी (ED) के निदेशकों (Director) का कार्यकाल बढ़ाने संबन्धी ऑर्डिनेंस लाने पर विपक्षी दलों तृणमूल कांग्रेस (TMC) और माकपा (CPIM) ने रविवार, 14 नवंबर को केंद्र की मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। दोनों दलों ने पूछा कि वह संसद सत्र तक इंतजार क्यों नहीं कर सकती। 

बता दें कि संसद सत्र (Parliament Session) 29 नवंबर से शुरू होने वाला है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechuri) ने एक ट्वीट में कहा, ''केंद्र ने छानबीन से बचने के लिए रविवार को सीबीआई और ईडी निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए अध्यादेश जारी कर दिये। इतनी हड़बड़ी से कुछ गड़बड़ लगता है।'' 

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन (Derek Obraian) ने कहा कि संसद का 'मजाक उड़ाने' के लिए अध्यादेश लाये गये हैं। उन्होंने सरकार द्वारा इसी तरह पहले लाए जा चुके कुछ अध्यादेशों का चार्ट भी अपने ट्वीट में डाला।

उन्होंने ट्वीट किया, ''मोदी-शाह की भाजपा किस तरह संसद का मजाक उड़ाती है और बेशर्मी से अध्यादेशों का इस्तेमाल करती है। ईडी और सीबीआई में उनके पालतू तोतों को रखने के लिए आज यही नाटक दोहराया गया।''

बता दें कि देश की दो महत्वपूर्ण जांच एजेंसियों के शीर्ष पदों पर बहाल अधिकारियों के कार्यकाल को लेकर मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। वो भी ऑर्डिनेन्स के सहारे।

सीबीआई और ईडी (CBI and ED) दोनों सबसे महत्वपूर्ण जांच एजेंसी माने जाते हैं। हालांकि विपक्ष, सत्ताधारी दलों द्वारा इन जांच एजेंसी के दुरुपयोग के आरोप भी लगाता रहता है। यह आरोप भी उछलते हैं कि सत्ताधारी दलों द्वारा इन एजेंसियों के शीर्ष पदों पर अपने चहेते अधिकारियों को बैठाया जाता है।

इस ऑर्डिनेन्स के बाद सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) और इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के डायरेक्टर्स का कार्यकाल अब 5 साल तक बढ़ाया जा सकेगा।

केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशकों का कार्यकाल पांच साल का हो जाएगा।

दरअसल केंद्र सरकार (Modi Government) ने रविवार, 14 नवंबर 2021 को एक अध्यादेश जारी किया है। इस अध्यादेश के बाद अब सीबीआई और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल अब पांच साल तक बढ़ाया जा सकेगा।

बता दें कि देश में सीबीआई के मौजूदा चीफ सुबोध जायसवाल (Subodh Jaiswal) और ईडी के चीफ संजय कुमार मिश्रा (Sanjay Kumar Mishra) हैं। वर्तमान में सीबीआई और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल 2 साल का होता है। वहीं अब सरकार के इस फैसले के बाद दोनों एजेंसियों के निदेशकों का कार्यकाल अब 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

नए अध्यादेश के मुताबिक, सीबीआई और ईडी चीफ की नियुक्ति पहले 2 साल के लिए की जाएगी। इसके बाद तीन साल का (1+1+1) करके एक्सटेंशन दिया जाएगा। एक-एक साल के लिए तीन एक्सटेंशन दिए जा सकते हैं। लेकिन यह कुल 5 साल से अधिक नहीं होना चाहिए।

केंद्र सरकार ने इसके लिए अध्यादेश जारी किया है। मौजूदा समय में केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों का कार्यकाल 2 साल का होता है।

अभी तक दोनों केंद्रीय एजेंसियों के निदेशों का कार्यकाल 2 साल तक के लिए तय होता है। कुछ अपवादों को छोड़कर कार्यकाल खत्म होने से पहले उन्हें हटाया नहीं जा सकता है। सरकार कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा भी सकती है।

पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने ईडी डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया था। मिश्रा का 1 साल का कार्यकाल नवंबर 2020 में खत्म हो गया था। 1997 से पहले सीबीआई डायरेक्टर्स का कार्यकाल तय नहीं था और किसी भी प्रकार से सरकार उन्हें हटा सकती थी।

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