कोरोना का पहला मामला आने के बाद मोदी सरकार यह काम कर लेती तो देश में कोरोना वायरस नहीं फैलता

भारत की जनता को घर में रहने की सलाह दी जा रही थी और पूरे देश में लॉक डाउन किया गया और उधर ज्योतिराज सिंधिया को अपने पाले में लेकर कोरोनावायरस काल में सरकार बना ली। यानी मतलब साफ है किस सरकार को कोरोनावायरस की कोई भी चिंता नहीं थी वह अपनी सरकार बनाने में पहले भी व्यस्त थी और आज भी व्यस्त है।

Update: 2020-06-08 15:32 GMT

जनज्वार। सबसे पहले दुनिया में जब चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस फैला। तब हमारे देश का गोदी मीडिया लगातार चीन की खबरें दिखा रहा था लेकिन उसने भारत में सजग रहने के लिए भारत सरकार को नहीं जगाया। भारत में 30 जनवरी को कोरोनावायरस का पहला मामला आता है लेकिन इसके बाद भी सरकार कोई सुध नहीं लेती है। कोरोनावायरस को तो आसानी से काबू किया जा सकता था। लेकिन तब भी रैलियां करने में सरकार व्यस्त थी और आज भी कोरोनावायरस काल में रैलियां की जा रही है।

जैसे ही भारत में कोरोनावायरस का पहला मामला आया था तभी यातायात को बंद कर देना चाहिए था जितने लोग बाहर से अपने घर लौटते सभी को क्वॉरेंटाइन किया जाना चाहिए था । और प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जानी चाहिए थी जिस व्यक्ति में कोरोनावायरस के लक्षण पाए जाते उसका इलाज किया जाता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ लोग विदेश से कोरोनावायरस लाते रहे और बिना जांच कराए अपने घरों में चले गए।

सबसे बड़ी कमी सरकार ने यह की थी कि कोरोनावायरस का पहला मामला आने के बाद भी यातायात पर कोई भी जांच नहीं की गई। जब भारत में कोरोनावायरस के मामले बढ़े तब विदेश से आए हुए यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई लेकिन थर्मल स्क्रीनिंग से केबल ताप पता लगाया जा सकता है कोरोनावायरस नहीं।

इधर भारत की जनता को घर में रहने की सलाह दी जा रही थी और पूरे देश में लॉक डाउन किया गया और उधर ज्योतिराज सिंधिया को अपने पाले में लेकर कोरोनावायरस काल में सरकार बना ली। यानी मतलब साफ है किस सरकार को कोरोनावायरस की कोई भी चिंता नहीं थी वह अपनी सरकार बनाने में पहले भी व्यस्त थी और आज भी व्यस्त है।

सबसे बड़ी जो घटना हुई थी वह थी नमस्ते ट्रंप इस कार्यक्रम में लाखों की भीड़ इकट्ठी की गई । गरीबों को छुपाने के लिए दीवारें बनाई गई यह बात तो सबको मालूम ही होगी। लेकिन मोदी सरकार को यह कार्यक्रम उस वक्त रोकना चाहिए था लेकिन इस कार्यक्रम को रोका नहीं गया बल्कि लाखों की भीड़ इकट्ठी की गई

राहुल गांधी ने कोरोनावायरस को लेकर 12 फरवरी को एक ट्वीट किया लेकिन ट्वीट में भक्तों ने राहुल गांधी का मजाक उड़ाया। लेकिन नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम नहीं रुका। अगर मोदी सरकार उस वक्त विदेश से आने वाले यात्रियों को क्वॉरेंटाइन करके जांच कर लेती और हवाई यात्रा बंद कर देती आज भारत में कोरोनावायरस के कितने मामले में नहीं होते।

जिस वक्त गुजरात में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम हुआ था उस वक्त सरकार इस कार्यक्रम को निरस्त कर देती तो आज देश में कोरोना वायरस इतना नहीं फैलता जोकि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या ढाई लाख पार कर चुकी है और अब यह मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब स्थिति यह है कि भारत में जांच भी कम हो रही है और कोरोनावायरस के मामले भी 10000 के ऊपर हर रोज आ रहे हैं। लेकिन फिर भी सरकार रैलियां कर रही है।

Similar News