किसानों के समर्थन में ट्विटर पर टॉप में ट्रेंड कर रहा #मोदी_ही_डकैत_है

बीते सात महीने से आंदोलनरत किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर कैंपेंन, किसान के समर्थन में और मोदी सरकार के विरोध में ट्विटर पर टॉप में ट्रेंड कर रहा #मोदी_ही_डकैत_है

Update: 2021-07-02 03:28 GMT

फोटो सोर्स- ट्विटर

जनज्वार ब्यूरो। देश में कृषि बिल (Agriculture Bill) के खिलाफ किसानों का आंदोलन बीते सात महीने से जारी है। किसान बिल को असंवैधानिक बता रहे हैं, और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वही इतने लम्बे समय से आंदोलन कर रहे किसानों का सब्र अब टूटने पर है। किसान अपनी मांग को लेकर संसद (Parliament) कूच करने की तैयारी में है। इधर सोशल मीडिया (Social Media) पर यूजर्स किसानों के समर्थन और केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। किसान आंदोलन का साथ देते हुए ट्टिवर पर 2 जुलाई शुक्रवार को #मोदी_ही_डकैत_है ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर (Twitter) यूजर्स कई तरह के मिम्स बनाकर किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं।


ट्विटर के टॉप ट्रेंड में #मोदी_ही_डकैत_है

कुछ ही देर में ट्विटर के टॉप पॉलिटिक्ल ट्रेंड में #मोदी_ही_डकैत_है ट्रेंड कर रहा है। कुछ ही समय में 80 हजार से भी ज्यादा यूजर्स ने इसे लेकर ट्वीट किया है। #मोदी_ही_डकैत_है के साथ #FarmerProtest भी ट्रेंड में है।





कई तरह के मिम्स और मैसेज के साथ सोशल मीडिया पर लोग सरकार के खिलाफ रोष जता रहे हैं. और #FarmerProtest के समर्थन में भी ट्वीट कर रहे हैं।


संसद कूच की तैयारी में किसान

बीते सात महीने से आंदोलनरत किसान एकबार फिर संसद कूच करने की तैयारी में है। हालांकि, इससे पहले भी दो बार संसद मार्च की तैयारी किसानों ने की, लेकिन फिर निरस्त कर दिया। किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को चिट्ठी भी भेजी, लेकिन उसके बाद भी सरकार से बातचीत का रास्ता नहीं खुल रहा है। इससे किसानों का रोष बढ़ने लगा है और किसान संसद कूच की तैयारी कर रहे हैं। अब किसानों (Farmer) का कहना है कि किसी तरह की हिंसा नहीं हो, उसके लिए हाथ बांधकर संसद तक मार्च किया जाएगा।

कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने को सात महीने हो गए हैं। इस दौरान किसानों व सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी किसानों से बातचीत कर चुके हैं। इसके बावजूद कोई हल नहीं निकल सका और पांच महीने से बातचीत बंद है। अब मानसून सत्र (Mansoon Sassion) के दौरान संसद मार्च की तैयारी की जा रही है।

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