Money Laundering : ED के एक्शन से राणा अयूब बेपर्दा, कोविड पीड़ितों के नाम पर लोगों से की 2.69 करोड़ की ठगी

Money Laundering : ईडी की चार्जशीट में पत्रकार राणा अयूब पर मनी लॉन्ड्रिंग और एफसीआरए की अनदेखी कर 2.69 करोड़ रुपए चूना लगाने का आरोप है।

Update: 2022-10-14 06:31 GMT

पत्रकार राणा अयूब पर लगा फंड रेजिंग के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप, हिंदू आईटी सेल ने दर्ज करवाई FIR

 Money Laundering : कोविड पीड़ितों की सेवा के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए की अवैध उगाही के आरोप में सेलि​ब्रिटी पत्रकार राणा अयूब ( Journalist Rana Ayub ) बुरी तरफ फंस गई हैं। अब उनका ईडी ( ED ) के फंदे से बेदाग बाहर निकलना मुश्किल है। ईडी की चार्जशीट ( ED Chargesheet ) में उनपर ठगी के जरिए आम जनता को धोखा देने के साथ मनी लॉन्ड्रिंग ( Money laundering ) के जरिए 2.69 करोड़ रुपय चूना लगाने का आरोप लगा है। उन पर फेमा ( FEMA ) के नियमों की अनदेखी का भी आरोप लगा है।

राणा ने सेवा के नाम पर की ठगी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दाखिल चार्जशीट के मुताबिक पत्रकार राणा अय्यूब ( Rana ayub ) का मकसद फंड जुटाने के नाम पर सिर्फ आम जनता को धोखा देना था। अपने मकसद को अंजाम देने के लिए राणा ने ठगी का कैंपेन चलाया। अपने कैंपेन के तहत उन्होंने झुग्गी बस्तियों में रहने वालों मरीजों सहित असम बिहार और महाराष्ट्र के कोविड प्रभावित किसानों की सहायता के नाम पर ली धनराशि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से अपने पिता एवं बहन के खातों में जमा की और बाद में व्यक्तिगत खातों में हस्तांतरित कर दी।

ED ने माना पीएमएलएमए और एफसीआरए का दोषी

सार्वजनिक रूप से जुटाए गए 2.69 करोड़ रुपए का इस्तेमाल करने और विदेशी अंशदान कानून ( FCRA ) का उल्लंघन करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। ईडी ( ED ) के मुताबिक राणा अयूब ने अप्रैल, 2020 से 'केटो प्लेटफॉर्म' के जरिये तीन चैरिटी अभियानों के नाम पर कुल 2,69,44,680 रुपये एकत्रित किए। अयूब ने यह धनराशि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से अपने पिता एवं बहन के खातों में जमा की और बाद में व्यक्तिगत खातों में हस्तांतरित कर दी।

करोड़ों रुपए हजम करने के लिए फर्जी बिलों का लिया सहारा

राणा अयूब ( Rana ayub ) ने कुल फंड में से 50 लाख रुपए अपने सावधि जमा (एफडी) में रखे और 50 लाख रुपए एक नए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। मात्र 29 लाख रुपए का उपयोग राहत कार्यों के लिए किया। राहत कार्य के लिए अधिक खर्च दिखाने के लिए अयूब ने फर्जी बिल जमा कराए। ED ने चार्जशीट में लिखा कि राणा अय्यूब ने आम जनता से मिले फंड्स को लॉन्डर किया और फिर इन फंड्स को बेदाग दिखाने की कोशिश की। राणा ने सरकारी अनुमति या रजिस्ट्रेशन के बिना विदेश से फंड हासिल किया, जो कि 2010 के फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशंस एक्ट के तहत अनिवार्य है।

Money Laundering : 1.77 करोड़ की राशि कुर्क

प्रवर्तन निदेशालय ( RD ) ने बताया कि अयूब के खातों में 1,77,27,704 रुपए ( 50 लाख रुपए की एफडी सहित ) की राशि पीएमएलए के तहत कुर्क की गई। ईडी ने अयूब पर अवैध रूप से 2.69 करोड़ रुपए जुटाने और आम लोगों को धोखा देने के आरोप लगाए हैं। साथ ही विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम 2010 के तहत अनिवार्य सरकारी मंजूरी के बिना विदेशों से भी धन प्राप्त करने का भी आरोप है। बता दें कि गाजियाबाद पुलिस ने मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अनियमितताओं को लेकर सितंबर, 2021 में राणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

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