लोकसभा सचिवालय ने जारी की नई एडवाइजरी, असंसदीय भाषा, प्रदर्शन के बाद प्लेकार्ड्स पर भी पाबंदी

Monsoon session Parliament : लोक सभा सचिवालय ने शनिवार को असंसदीय शब्द 2021 की लिस्ट के बाद संसद भवन परिसर में साहित्य, पैंफलेट, प्रश्नावली, प्रेस नोट, लीफलेट ले जाने को लेकर नया फरमान जारी किया।

Update: 2022-07-16 07:26 GMT

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Monsoon session Parliament : मानसून सत्र से ठीक पहले असंसदीय शब्दों ( Unparliamentary words )  को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद अब और गहरा गया है। लोकसभा सचिवालय ( Lok Sabha Secretariat ) की ओर से जारी एडवाइजरी ( Fresh Advisory ) में अब साहित्य, पैंफलेट, प्रश्नावली, प्रेस नोट, लीफलेट (Literature, Pamphlet, Questionnaire, Press Note, Leaflet ) के साथ किसी भी तरह का प्रकाशित सामग्री व अन्य चीज भी नहीं ले जा सकते। यानि असंसदीय भाषा और प्रदर्शन के बाद सांसद ये वस्तुएं भी सदन के अंदर नहीं ले जा सकते।

बता दें कि अपने गुस्से के इजहार के लिए सांसद ( Parliament ) अपनी सीट से या फिर वेल में जाकर प्लेकार्ड्स का इस्तेमाल पहले करते रहे हैं। कई बार वो उन्हें फाड़कर सभापति की चेयर की तरफ भी उछालते रहे हैं।

इससे पहले लोकसभा सचिवालय की ओर से असंसदीय शब्द 2021 की सूची और धरना-प्रदर्शन पर रोक लगाने को लेकर भी एडवाइजरी जारी किया गया था। पार्लियामेंट्री बुलेटिन में कहा गया है कि संसद भवन परिसर में धरना, प्रदर्शन, भूख हड़ताल या किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन की मनाही होगी। विपक्ष ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। 

लोकतंत्र का माखौल उड़ा रही है सरकार

ताजा फरमान जारी होने के बाद माकपा नेता सीताराम येचुरी ने इस मुद्दे पर ट्विटकर सरकार की आलोचना की और कहा कि यह लोकतंत्र की आवाज दबाने का प्रयास है। उन्होंने ट्वीट किया कि निकम्मी सरकार के साथ उतनी ही डरपोक भी। लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है। तानाशाही आदेश निकाल कर विरोधियों की आवाज को बंद करने का प्रयास सफल नहीं होने देंगे। संसद भवन परिसर में धरना देना सांसदों का एक राजनीतिक अधिकार है, जिसका हनन हो रहा है।  

दूसरी तरफ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा है कि लोकसभा सचिवालय की ओर से कोई नया आदेश नहीं जारी किया गया है। जो आदेश जारी हुए हैं वो हमेशा से जारी होते रहे हैं। उसमें नया कुछ नहीं है। संप्रग सरकार के कार्यकाल से ही राज्यसभा सचिवालय द्वारा इस तरह का परिपत्र जारी होते रहे हैं।

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