Morbi Bridge Collapse : मोरबी हादसे के 5 दिन बाद जागी सरकार, नगर पालिका के विवादित CO संदीप सिंह जाला को किया सस्पेंड
Morbi Bridge Collapse : गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बने केबल पुल टूटने से 135 लोगों की जान चली गई, इस मामले में कार्रवाई करते हुए नगरपालिका के अधिकारी संदीप सिंह जाला को सस्पेंड कर दिया गया है...
Morbi Bridge Collapse : गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बने केबल पुल टूटने से 135 लोगों की जान चली गई। इस मामले में कार्रवाई करते हुए नगरपालिका के अधिकारी संदीप सिंह जाला को सस्पेंड कर दिया गया है। इससे पहले नगरपालिका के CO संदीप सिंह जाला से एसआईटी ने 4 घंटे तक पूछताछ की थी। उनसे पुल के मरम्मत कार्य के लिए गुजरात स्थित घड़ी निर्माता कंपनी ओरेवा के साथ किए गए समझौते को लेकर सवाल पूछे गए थे।
हादसे पर सरकार ने झाड़ा पल्ला
हादसे की जिम्मेदारी को लेकर सरकार अपना पल्ला झाड़ रही है। हादसे से 5 दिन पहले रिनोवेट हुए पुल को जनता के लिए खोला गया, तब भी सरकार ने कोई जिम्मेदारी नहीं उठाई और अब हादसे के बाद भी सरकार 5 दिन बाद जागी है। ऐसा लग रहा है जैसे पुल के रिनोवेशन के नाम पर खानापूर्ति की गई थी, ठीक वैसे ही जांच के नाम पर प्रशासन की ओर से खानापूर्ति की जा रही है।
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल खुलने पर सोती रही सरकार
प्रशासन भले ही यह कहकर पल्ला झाड़ रहा हो, कि कंपनी ने बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के ब्रिज खोला लेकिन अगर यह पुल हादसे से 5 दिन पहले जनता के लिए शुरू किया गया था तो क्या प्रशासन को इस बात की कोई जानकारी नहीं हुई। अगर प्रशासन को ब्रिज के शुरू होने की जानकारी थी, तो उनकी ओर से कंपनी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
प्रशासन ने नहीं किया भीड़ को काबू करने का इंतजाम
रविवार को छुट्टी की वजह से ब्रिज पर काफी भीड़ थी। प्रशासन और ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी लोगों से टिकट तो वसूल रही थी। लेकिन उनके पास भीड़ को काबू करने का कोई इंतजाम नहीं था। हादसे से पहले कुछ लड़के जब झूले को हिला रहे थे, तब अहमदाबाद के रहने वाले विजय ने मैनेजमेंट से इसकी शिकायत भी की। तब कंपनी ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उनके पास भीड़ को काबू करने का कोई इंतजाम नहीं है।
जांच के नाम पर सरकार की खानापूर्ति
मोरबी ब्रिज हादसे से पहले प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली। सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक घड़ी बनाने वाली कंपनी ओरेवा को कैसे 100 साल से भी जयादा पुल के मरम्मत के काम का ठेका दिया गया। यह पुल 7 महीने से बंद था। मरम्मत के बाद इस पुल को बिना जांच के और बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के खोला गया लेकिन तब भी सरकार ने कोई जांच नहीं की। अब हादसे के 5 दिन बाद भी कंपनी के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई है।
गौरतलब है कि संदीप सिंह जाला का विवादों से पुराना नाता रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने भुज के नजदीक 38 एकड़ का फार्म हाउस अपने रिश्तेदार के नाम से खरीदा है, हालांकि जनज्वार इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता। वहीं कच्छ के मांडवी बीच के करीब होटल में भी हिस्सेदारी के आरोप उन पर लगे हैं। सत्ता के साथ गलबहियों की बातें उनके बारे में गाहे बगाहे उड़ती रहती हैं।