योगी के गोरखपुर के 8 गांवों में 10 दिनों में 100 से ज्यादा की मौत
यूपी में जगह जगह गंगा नदी में बहायी गयी लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है तो ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है....
जनज्वार, गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के कारण मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के 8 गांवों में पिछले 10 दिनों में 100 से अधिक लोगों कि मौत हुई हैं। यह मौतें ग्राम पंचायत ब्रह्मपुर, सहजनवा और नगर पंचायत पीपीगंज के 8 गांवों में हुई हैं।
ग्राम पंचायत ब्रह्मपुर में अब तक 30 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। एनबीटी में प्रकाशित खबर के मुताबिक बीती 4 मई को एक ही परिवार में पिता राम अनुज दुबे और उनके दो पुत्र प्रदीप दुबे और सर्वेश दुबे की मौत हुई थी। 8 मई को एक युवा शिक्षक संत कुमार द्विवेदी तथा पिपरिया टोला के अधिवक्ता देवेंद्र नाथ त्रिपाठी के साथ्ज्ञ 30 अन्य लोगों की भी यहां कोरोना से मौत हुई है।
ग्राम पंचायत सहजनवा पाली ब्लॉक के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ श्याम किशोर मिश्रा की शुक्रवार 14 मई को कोरोना से मौत हो गयी। इसके अलावा नेवास, डुमरी और रिठुआखोर को मिलाकर सहजनवा ग्राम पंचायत में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। पाली के भाजपा मंडल महामंत्री त्रयंबक उपाध्याय की मानें तो सिर्फ रिठुआखोर में 15 लोगों की मृत्यु ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से हुई है।
इसी तरह नगर पंचायत पीपीगंज के रामूघाट रानाडीह, तिघरा गांव में भी कोरोना से मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। शुक्रवार 14 मई को तिघरा गांव में कोरोना के दो लोगों की मौत हुई है। पीपीगंज के ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां पिछले 10 दिन के भीतर कोरोना से 20 से ज्यादा मौतें हुयी हैं। यह आंकड़े सिर्फ 3 ग्राम पंचायतों के हैं।
यह ग्रामीण क्षेत्रों के वे आंकड़े हैं जो सरकार के आंकड़ों में दर्ज ही नहीं हो रहे हैं, यानी इन मौतों को सरकार कोरोना से हुई मौतों के तौर पर नहीं गिनेगी। इसी तरह यूपी के लगभग हर गांव में कोरोना पैर पसार चुका है। इतनी बड़ी संख्या में मौतों के बाजूवद अब तक इन गांवों में न तो कोविड-19 जांच शिविर लगाया गया और न ही टीकाकरण शिविर ही लगा है।
एक तरफ़ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना पर नियंत्रण पाने का दावा कर रहे हैं, कहा जा रहा है कि यूपी मॉडल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है, वहीं यूपी में जगह जगह गंगा नदी में बहायी गयी लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है तो ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
गौरतलब है कि गोरखपुर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार सांसद रहे हैं। इतने लंबे समय से यह क्षेत्र उनके अंडर होने के बाजवूद विकास और कोरोना से लड़ने के दावों की पोल उनका संसदीय क्षेत्र गोरखपुर ही खोल दे रहा है। न सिर्फ गोरखपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
कोरोना संक्रमण के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार को लेकर राज्य सरकार को पहले ही चेताया जा चुका था, लेकिन उस समय सरकार ने महामारी की गंभीरतापूर्वक नही लिया। पंचायत चुनाव पूरे जोरशोर से कराया गया। पंचायत ड्यूटी में लगे लगभग 700 शिक्षकों की मौत भी कोरोना संक्रमण से हो चुकी है, मगर अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में न तो नियमित जांच हो रही है और न ही टीकाकरण। ऑक्सीजन और जरूरी दवाइयां भी ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं हो रही हैं। समय पर दवाइयां व इलाज़ न मिलने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जनता लगातार दम तोड़ रही है।