MP Dowry News : क्या एमपी की शिवराज सरकार दहेज प्रथा का पोषण कर रही है? यह निर्णय लेकर सोशल मीडिया पर आलोचनाओं से घिरी

MP Dowry News : मध्य प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सरकार के मंत्री परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के संशोधन को मंजूरी दी गयी है। योजना के तहत प्रावधान किया गया है कि सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम में सम्मिलित पात्र प्रति कन्या के मान से 55 हजार रुपए स्वीकृत किये जायेंगे...

Update: 2022-05-12 15:00 GMT

MP Dowry News : क्या एमपी की शिवराज सरकार दहेज प्रथा का पोषण कर रही है? यह निर्णय लेकर सोशल मीडिया पर आलोचनाओं से घिरी

MP Dowry News : मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने दहेज (MP Dowry News) को लेकर एक फैसला लिया है। कैबिनेट की बैठक में एक निर्णय लिया गया है जिसके तहत सामुहिक विवाह कार्यक्रमों में दिए जाने वाले दहेज (MP Dowry News) के लिए कलेक्टर या समिति आॅफलाइन टेंडर बुला सकती है। मतलब सामुहिक विवाहों के दौरान वर-वधुओं को दान में दी जाने वाली चीजों के लिए टेंडर निकाला जाएगा। वहीं एक अन्य फैसले में बेटियों को दिए जाने वाले दान के लिए नियमों को शिथिल करने का आदेश जारी कर दिया गया है। अब एमपी सरकार के फैसले पर सवाल उठाया जाने लगा है। कुछ लोगों ने सरकार के इस फैसले को दहेज प्रथा को बढ़ावा देने वाला बता इसकी आलोचना शुरू कर दी है।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सरकार के मंत्री परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना (MP Dowry News) के संशोधन को मंजूरी दी गयी है। योजना के तहत प्रावधान किया गया है कि सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम में सम्मिलित पात्र प्रति कन्या के मान से 55 हजार रूपये स्वीकृत किये जायेंगे। इस राशि में से 6 हजार रूपये की राशि सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजन करने हेतु आयोजनकर्ता निकाय को देय होगी और 38 हजार रूपये की सामग्री और 11 हजार रूपये का चेक कन्या को उपहार के रूप में आयोजनकर्ता निकाय की ओर से दिया जाएगा।

एमपी सरकार के इस फैसले (MP Dowry News) पर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गयी है। सचिन कुमार जैन नाम के एक यूजर ने फेसबुक लिखा है कि सरकार का यह फैसला दहेज प्रथा को बढ़ावा देने वाला और असंवैधानिक है। उन्होंने कहा है कि यह बेहद दुखद है कि हमारी वर्तमान राजनीति सामाजिक और आर्थिक विसंगतियों को मूल्यों के रूप में अपना रही है। एक तरह समाज मे दहेज प्रथा को दूर करने की बात हो रही है वहीं दूसरी ओर सरकार इस तरह के फैसलों से खुद उसको बढ़ावा दे रही है।

कुछ लोगों ने सरकार के इस फैसले (MP Dowry News) के खिलाफ अदालत में अपील करने का सुझाव भी दिया है। लोगों का तर्क है कि सरकार के इस फैसले से समाज में गलत संदेश जाएगा। सरकारों को ऐसे फैसले लेने से परहेज करना चाहिए। अगर सरकार को आर्थिक रूप से कमजोर वर-वधुओं की मदद की करनी है तो इसके लिए दूसरे तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए। जब सरकार खुद ही दहेज जैसी प्रथा को पोषित करेगी तो फिर इसे समाज से कैसे दूर किया जा सकेगा? सोशल मीडिया पर एक यूजर ने इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार के इस फैसले का मतलब है कि सरकार दहेज जैसी कुप्रथा को अनुचित नहीं मानती है।

श्याम बोहारे नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने तो इस मामले (MP Dowry News) पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बड़ी ही दिलचस्प टिप्प्णी की है और कहा है कि गांधी, नेहरू, पटेल, अम्बेडकर और संविधान सभा के मनीषियों ने समाज को बदल कर नया आधुनिक समाज बनाने की जो गलती की थी उसे ये सरकार सुधार कर ही मानेगी। आप सवाल करके हमारे राजनेताओं के जाहिल होने का अधिकार कैसे छीन सकते हैं?

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