MP News : एमपी में गैस रिसाव से मची अफरा-तफरी, दिलाई भोपाल गैस त्रासदी की याद
MP News : डीएम विनाश लावानिया ने बताया कि टैंक से क्लोरीन गैस निकलने से लोग घबरा गए और वे अपने घरों से बाहर निकल आये थे।
MP News : मध्य प्रदेश ( Madhya pradesh ) की राजधानी भोपाल ( Bhopal ) में बुधवार की रात एक टैंक से क्लोरीन गैस ( chlorine gas ) के रिसाव के बाद कई लोगों ने आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की। मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया। कुछ पलों के लिए तो भोपाल के लोगों को दशकों पूर्व के भोपाल गैस त्रासदी ( Bhopal Gas tragedy ) का डर सताने लगा। मेडिकल टीम को तत्काल मौके पर रवाना किया गया। जब मामले का पता चला तो लोगों ने राहत की सांस ली।
ताजा अपडेट के मुताबिक गैस लीक ( Bhopal Gas tragedy ) घटना की चपेट में आये पांच लोगों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना भोपाल के ईदगाह ( Idgah ) इलाके में स्थित मदर इंडिया कॉलोनी की है।
जिला कलेक्टर अविनाश लावानिया ने बताया कि टैंक से क्लोरीन गैस निकलने से लोग घबरा गए और वे अपने घरों से बाहर निकल आए। पानी में क्लोरीन अधिक होने के कारण समस्या हुई, हालांकि स्थिति को नियंत्रण में लाया गया।
पानी ओवरफ्लो होने की वजह से हुई खुजली और सांस की परेशानी
गैस लीक की सूचना मिलने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने पानी में क्लोरीन के स्तर को कम करना शुरू कर दिया है। बताया गया है कि टैंक से पानी ओवरफ्लो होने की वजह से लोगों को खुजली और सांस लेने में समस्या महसूस हुई। चार-पांच लोगों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
किसी को घबराने की जरूरत नहीं : सारंग
हीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी घटनास्थल का दौरा किया और बाद में उन्होंने अस्पताल में भर्ती लोगों से भी मुलाकात की। सारंग ने हमीदिया अस्पताल में मीडिया से बात करते हुए कहा स्थिति अब नियंत्रण में है और लोगों को घबराना नहीं चाहिए। किसी भी व्यक्ति की आंखों में जलन या सांस लेने में समस्या के बारे में शिकायत करने के लिए मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है। हम इस स्तर पर और कुछ भी कहने में असमर्थ हैं। यह समस्या कैसे हुई यह जानने के लिए मामले की जांच की जाएगी।"
1984 में हुई भी ऐतिहासिक कार्बाइड गैस लीक की घटना
बता दें कि एमपी की राजधानी भोपाल के लोग गैस लीक की सूचना फैसले ही दहशत में आ गए। शहर के लोगों ने 1984 में भी यही स्थिति देखी थी, जब हानिकारक गैस के रिसाव ने कई लोगों की जान ले ली थी और हजारों इससे प्रभावित हुए थे। आज भी कई लोग गैस की वजह से बीमार होते रहते हैं। दरअसल, 1984 में 2-3 दिसंबर की दरम्यानी रात को भोपाल में एक यूनियन कार्बाइड कारखाने से गैस लीक हुई थी। इस घटना को दुनिया की सबसे बड़ी रासायनिक आपदा के रूप में जाना जाता है।