Bulli Bai app controversy:'सुल्ली डील्स' के बाद अब 'बुल्ली बाई' एप पर लगी फेमस मुस्लिम महिलाओं की बोली, मुस्लिम महिलाओं ने PM मोदी से पूछे सवाल

Bulli Bai app controversy: सोशल मीडिया पर कई मुस्लिम महिलाओं को अपनी तस्वीरें Bulli Bai नाम के इस वेबसाइट पर मिली हैं। रेडियो जॉकी सायमा, पत्रकार इस्मत आरा के अलावा जेएनयू के लापता छात्र नजीब की मां की तस्वीरें भी इस साइट पर है...

Update: 2022-01-02 17:29 GMT

Sulli Deal खे बाद Bulli Bai App पर विवाद

New Delhi: सोशल मीडिया पर ऑनलाइन एप के जरिए देश की नामचीन मुस्लिम महिलाओं की निलामी की जा रही है। Bulli Bai नाम के ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की फोटो लगाकर नफरत और गंदी बातें लिखी जा रही हैं। इं​टरनेट पर एप के जरिए मुस्लिम महिलाओं की अपमानजनक और छेड़छाड़ की गईं तस्वीरें पोस्ट करने का ये दूसरा मामला है। साल 2021 में इसी तरह से Sulli Deals के नाम पर मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन बिक्री के नाम पर उनके साथ अभद्रता की गई थी। Sulli deal के तर्ज पर अब Bulli Bai (bullibai.github.io) को भी Github पर लॉन्च किया गया है। Bulli Bai ऐप पर इस बार सोशल मीडिया पर दमदार मौजूदगी रखने वाली भारत की करीब 100 मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया जा रहा है। अब इस मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री मोदी से सुरक्षा को लेकर सवाल पूछने शुरू कर दिए है।

जानी मानी पत्रकार भी हुईं शिकार

इस ऑनलाइन निलामी की शिकार हुई कई महिलाओं ने बताया है कि उनकी तस्वीरों का इस प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें देश की बड़ी पत्रकार, नेता और अन्य नामी मुस्लिम महिलाओं के नाम शामिल हैं। द वायर की पत्रकार इस्मत आरा की फोटो भी Bulli Bai पर बेचने के लिए लगा दी गई। इन्होंने ट्विटर पर इस वेबसाइट का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें उन्हें 'बुली बाई ऑफ द डे' बताया गया है। Bulli Bai पर पत्रकार इस्मत आरा की निलामी की फोटो की स्क्रीनसॉट शेयर करते हुए स्वतंत्र पत्रकार साक्षी जोशी ने मोदी सरकार (Modi Government) पर निशाना साधा है। साक्षी जोशी ने लिखा, "जो मोदी सरकार तीन तलाक़ क़ानून लाकर मुस्लिम महिलाओं की हितैषी बनने का ढोंग कर रही थी। आज वो देश की इन मुस्लिम महिलाओं की इंटरनेट पर लग रही बोली पर चुप है …बहुत हुआ नारी पर वार, अब की बार मोदी सरकार…किसका नारा था ये?"

बता दें कि द वायर की पत्रकार इस्मत आरा ने बुल्ली बाई को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि "यह बहुत दुख की बात है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है। बेशक यह बिना कहे पता चला जाता है कि #sullideals के इस नए भाग में मुझे निशाना बनाया गया और मैं इसमें अकेली नहीं हूँ।" उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि यह शब्द 'बुली ऑफ द डे' महिलाओं का वस्तुकरण करने और उन्हें कमतर करने की मंशा से किया गया है। उन्होंने पुलिस से इस वेबसाइट के संबंध में साजिश की जांच करने का भी अनुरोध किया है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने BJP पर लगाया आरोप

जर्नलिस्ट इस्मत आरा के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि, "मैंने बार-बार माननीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव जी से #sullideals के माध्यम से महिलाओं के इस तरह के बड़े पैमाने पर महिलाओं को नीचे दिखाने और धर्म के आधार पर टारगेट करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा। यह शर्म की बात है कि इसकी लगातार अनदेखी की जा रही है। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "गिटहब द्वारा ऐप को हटाना ही पर्याप्त नहीं है. दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।" वहीं, 1 जनवरी को आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रियंका चतुर्वेदी के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि "गिटहब ने जानकारी दी है कि इस साइट को होस्ट करने के लिए जिम्मेदार यूजर को ब्लॉक कर दिया है।"

कार्रवाई की मांग हुई तेज

बता दें कि सोशल मीडिया पर मुखर कई अन्य मुस्लिम महिलाओं को भी अपनी तस्वीरें इस Bulli Bai नाम के इस वेबसाइट पर मिली हैं। जेएनयू के लापता छात्र नजीब की मां की तस्वीरें भी इस साइट पर हैं। वहीं, इस वेबसाइट पर रेडियो जॉकी सायमा भी शामिल है। ये सभी महिलाएं अब सोशल मीडिया पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। सुल्ली डील्स के बाद बुल्ली बाई के जरिए मुस्लिम महिलाओं के साथ अभद्रता के शामिल पीछे लोगों पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

गौरतलब है कि Sulli Deals App के जरिए  मुसलमान महिला पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, कलाकारों, नेता और शोधार्थियों को पहले निशाना बनाया जा रहा था। उनकी तस्वीरें खुलेआम नीलाम की जा रही थी। सोशल मीडिया पर मामले के तूल पकड़ने का बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई और साइबर सेल ने इस मामले में शिकायत दर्ज की थी। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुल्ली डील्स ऐप के मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दो एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि, इस एप को तब हटा लिया गया था और ये विवाद लगभग खत्म हो चुका था, लेकिन अब एक बार फिर से Bulli bai एप ने इसी तरह का विवाद पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर बुल्ली बाई हैशटैग (#Bullibai) के जरिये मुस्लिम महिलाओं को एक बार फिर से निशाना बनाया जाने लगा है।

Tags:    

Similar News