Nagaland Civilian Killings Updates: सीएम ​एन रियो ने की अफस्पा वापस लेने की मांग, सेना पर लगे गंभीर आरोप

Nagaland Civilian Killings Updates: पुलिस की शिकायत में कहा गया कि घटना के समय कोई पुलिस गाइड नहीं था। न ही सुरक्षा बलों ने गाइड की मांग की थी। प्राथमिकी में कहा गया कि इससे साफ है कि सुरक्षा बलों का इरादा नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना था।

Update: 2021-12-07 02:54 GMT

Nagaland Civilian Killings Updates : नागालैंड निर्दोष नागरिकों की बिना कारण हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस ने सेना के 21वें पैरा स्पेशल फोर्स के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। नागालैंड पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। सुरक्षा बलों के खिला। आईपीसी की धारा 302, 307 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये धाराएं हत्या, हत्या के प्रयास और समान मंशा से किए गए आपराधिक कृत्य से संबंधित हैं।

नगालैंड पुलिस की ओर से तिजिट थाने में की गई शिकायत में कहा गया है कि चार दिसंबर को करीब साढ़े तीन बजे कोयला खदान के मजदूर एक वाहन से तिरु से अपने पैतृक गांव ओटिंग लौट रहे थे। ऊपरी तिरु और ओटिंग के बीच लोंगखाओ पहुंचने पर, सुरक्षा बलों ने बिना कारण वाहन पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप कई ग्रामीणों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

सुरक्षा बलों पर लगा नागरिकों की हत्या का आरोप

पुलिस ने इस बात का भी आरोप लगाया है कि घटना के समय कोई पुलिस गाइड नहीं था। न ही सुरक्षा बलों ने गाइड की मांग की थी। प्राथमिकी में कहा गया कि इससे साफ है कि सुरक्षा बलों का इरादा नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना था। शिकायत में अधिकारियों से अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया गया।

धारा 144 लागू

दूसरी तरफ कई आदिवासी संगठनों ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई के विरोध में बंद का आयोजन किया। अधिकारियों ने बताया कि मोन कस्बे में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण ह

गोलीबारी की पहली घटना तब हुई जब सेना के जवानों ने शनिवार शाम को एक पिकअप वैन में घर लौट रहे कोयला खदान कर्मियों को प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन (के) के युंग आंग गुट से संबंधित उग्रवादी समझ लिया। इस घटना में छह लोग मारे गए थे। जब मजदूर अपने घरों को नहीं लौटे, तो स्थानीय युवक और ग्रामीण उनकी तलाश में गए और सेना के वाहनों को घेर लिया। इसके बाद हुई झड़प में एक सैनिक की मौत हो गई और कई वाहन जला दिए गए। सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई।

पुलिस ने कहा कि दंगा रविवार दोपहर तक जारी रहा। गुस्साई भीड़ ने कोन्यक यूनियन के कार्यालयों और इलाके में असम राइफल्स के शिविर में तोड़फोड़ की। कुछ हिस्सों में आग लगा दी। सुरक्षा बलों ने हमलावरों पर जवाबी गोलीबारी की, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई।

सीएम रियो ने की अफ्सपा को निरस्त करने की मांग

नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए 14 लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होते हुए सोमवार को अफ्सपा को निरस्त करने की मांग की। रियो ने कहा- अफस्पा सेना को बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के नागरिकों को गिरफ्तार करने, आवासों पर छापा मारने और लोगों को मारने का अधिकार देता है। लेकिन सुरक्षा बलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। इससे पहले, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने भी अफस्पा को रद्द करने की मांग की।

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