Nagaland Firing Case: 13 निर्दोष नागरिकों की हत्या मामले में चार्जशीट दायर, SIT ने सेना के 30 जवानों को बनाया आरोपी

Nagaland Firing Case: नागालैंड में 4 दिसंबर 2021 को सैन्य अभियान के दौरान 13 नागरिकों की मौत के मामले में 30 जवानों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है. SIT की जांच में बताया गया कि अभियान के दौरान जवानों ने पूरी तरह से नियमों का पालन नहीं किया.

Update: 2022-06-12 04:16 GMT

Nagaland Firing Case: 13 निर्दोष नागरिकों की हत्या मामले में चार्जशीट दायर, SIT ने सेना के 30 जवानों को बनाया आरोपी

Nagaland Firing Case: 4 दिसंबर 2021 को नागालैंड में मोन जिले में एक सैन्य अभियान के दौरान 13 आम नागरिकों की मौत मामले में 30 जवानों पर चार्जशीट दाखिल हुई है. इनमें मेजर रैंक (Major Rank) के एक अधिकारी समेत '21 पैरा स्पेशल फोर्स' के जवान शामिल हैं.

चार्जशीट दाखिल करने से पहले हुई SIT जांच में पाया गया कि स्पेशल फोर्स की टीम ने अभियान के दौरान मानक संचालन प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया. अंधाधुंध गोलीबारी की, जिससे आम नागरिकों की मौत हुई.

DGP ने क्या कहा?

नगालैंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) टी जॉन लोंगकुमर ने कहा कि तिजित पुलिस थाना का मामला ओटिंग घटना से संबद्ध है, जिसमें उग्रवादियों पर घात लगा कर किये गये हमले में 13 लोग मारे गये थे. वो 4 दिसंबर 2021 की इस घटना में गलत पहचान के चलते मारे गये थे.

उन्होंने बताया कि SIT ने मामले में डिटेल जांच की और चार्जशीट जिला एवं सत्र न्यायालय में 30 मई 2022 को पेश की गई थी. उन्होंने कहा कि एक मेजर, 2 सूबेदार, 8 हवलदार, 4 नायक, 6 लांस नायक और 9 पैराट्रूपर्स सहित 21 पैरा स्पेशल फोर्स की अभियान टीम के 30 सदस्यों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

वहीं अब नागालैंड सरकार ने केंद्र से चार्जशीट में नामजद जवानों के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत मांगी है. राज्य पुलिस ने भी रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजकर कार्रवाई की मंजूरी मांगी है. वहीं चार्जशीट में एक मेजर, दो सूबेदार, आठ हवलदार, चार नायक, छह लांस नायक और नौ पैराट्रूपर्स के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला बनाया गया है.

बता दें, 4 दिसंबर, 2021 को अपर तिरु और ओटिंग विलेज के बीच लोंगखाओ में घात लगाकर वहां मौजूद 21 पैरा स्पेशल फोर्स की ऑपरेशन टीम ने सफेद बोलेरो पिकअप वाहन पर गोलियां चला दीं, जिसमें ओटिंग गांव के आम लोग सवार थे. जिनमें से ज्यादातर तिरु में कोयला खदानों में मजदूर के रूप में काम करते थे.

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