PM Narendra Modi: भाजपा सरकार ने पहले ही कृषि कानून वापस लिया होता तो 700 किसानों की जान नहीं जाती

PM Narendra Modi: अगर समय के साथ सरकार ने किसानों के साथ बातचीत की होती तो आज उन 700 किसानों की जान नहीं जाती जिन्होंने एक साल के आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवा दी...

Update: 2021-11-19 04:40 GMT
(एक साल के आंदोलन के दौरान 700 किसानों की मौत हुई)

PM Narendra Modi: देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कृषि कानून वापस (Farmers Bill) लेने का बड़ा ऐलान किया। पिछले एक साल से चल रहे किसान आंदोलन के सामने आखिरकार मोदी सराकर झुकी और अपना फैसला बदलने को मजबूर हो गई। अपने 18 मिनट के संबोधन में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, "सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।" मगर पीएम मोदी के ऐलान के साथ ये सवाल भी उठने लगे कि अगर सरकार किसानों को लेकर इतनी ही चिंतित थी और उनकी नीयत साफ थी तो कृषि कानूनों को वापस लेने में आखिर एक साल क्यों लग गए। अगर समय के साथ सरकार ने किसानों के साथ बातचीत की होती तो और उन 700 किसानों की जान नहीं जाती जिन्होंने एक साल के आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवा दी।

बता दें 26 नवंबर को तीन कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) को एक साल पूरे हो जाएंगे। सिंधु (Sindhu Border) और गाजीपुर बॉर्डर (Gajipur Border) से शुरु हुआ किसान आंदोलन धीरे धीरे कई राज्यों तक फैला। किसान का ध्यान अपनी मांग की ओर आकर्षित करने के लिए किसानों ने कई जद्दोजहद किए। मगर सरकार के कान पर जू नहीं रेंगी। सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही। हाल ही में किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसान आंदोलय के दौरान अबतक 700 किसानों की मौत हो चुकी है। वहीं, आंदोलन के 300 दिन पूरे होने पर संयुक्त कियान मोर्चा ने एक लिस्ट जारी कर 605 किसानों की मौत की जानकारी दी थी। इसमें 33 किसानों के खुदकुशी करने का दावा भी किया गया है।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसान आंदोलन में 24 नवंबर 2020 से 21 सितंबर 2021 तक मृत हुए सभी किसानों का डेटाबेस तैयार करके एक ब्लॉग (https://humancostoffarmersprotest.blogspot.com) बनाया जिसमें मृत सभी किसानों का नाम, पता, उम्र और उनके निधन की तारीख फोटो सहित लिखी है। इसमें किसान मोर्चा ने मृत किसानों की प्रोफाइल के साथ न्यूज आर्टिकल के लिंक भी दिए।

700 मौत का जिम्मेदार कौन?

पीएम मोदी द्वारा कृषि कानून वापस लेने के ऐलान के साथ ये सवाल और बुलंद हो गया कि आखिर उन 700 किसानों की मौत का जिम्मेदार कौन है। एक साल से चल रहे आंदोलन के दौरान विभिन्न जगहों पर अलग अलग घटनाओं में सैंकड़ों गरीब किसानों की मौत एक अहम सवाल है। विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि साल भर से जो किसान और आम जनता का नुकसान हुआ है इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?


मोदी ने आज, 19 नवंबर को कृषि कानूनों को लेकर अपना फैसला बदलते हुए कहा कि, "हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे। बातचीत भी होती रही। कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें एतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई।" राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने कहा कि, "मैं आज यह पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला लेने का फैसला करता हूं। इसी महीने हम इसे वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर देंगे।"

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