लखीमपुर हिंसा मामले नया मोड़, राकेश टिकैत का ऐलान, मंत्री के बेटे को मिली जमानत के खिलाफ करेंगे ये काम
लखीमपुर खीरी हिंसा के मृतक के परिजनों के गुनहगार भी हम हैं। जब तक इंसाफ नहीं मिलता, हम भी जेल के बाहर धरने पर बैठेंगे।
लखनऊ। लखीमपुर खीरी ( Lakhimpur Khiri Violence Case ) के तिकोनिया कांड में आशीष मिश्रा ( Ashish Mishra ) की रिहाई से आहत परिवार ने राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) से मिलकर कहा कि जेल के बाहर धरने पर बैठेंगे। परिजनों के इस अपील के बाद राकेश टिकैत ने कहा इन परिवारों के गुनहगार भी हम हैं। जब तक इंसाफ नहीं मिलता, हम भी जेल के बाहर धरने पर बैठेंगे। साथ ही, किसान नेता राकेश टिकैत ने यह भी कहा है कि वे लखीमपुर खीरी रन ओवर मामले में हत्या के आरोपी कनिष्ठ गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत देने कि खिलाफ के लिए "जल्द" उच्चतम न्यायालय ( Supreme Court ) का दरवाजा खटखटाएंगे।
लखीमपुर खीरी हिसां ( Lakhimpur Khiri Violence ) मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ( Ashish Mishra ) जमानत मिलने के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ( SKM ) सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेगी। अपील दायर करने के लिए हम जरूरी दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं। राकेश टिकैत और किसान नेता शिव कुमार कक्का की अध्यक्षता में किसान संघों की मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
दरअसल, यह मुद्दा नए सिरे से इसलिए गरमा गया है कि अक्टूबर में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पिछले सप्ताह जमानत दे दी थी। कुछ देर में पहले आशीष मिश्रा की जेल से रिहाई हो गई है। इस मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि लोग सब कुछ देख रहे हैं। अगर ऐसे मामले में आरोपी को तीन महीने में जमानत मिल सकती है तो तो अन्य मामलों में क्या होगा?
पुलिस ने मजबूती के साथ नहीं रखा किसानों पक्ष
लखीमपुर के किसानों का कहना है कि पुलिस पर आशीष मिश्रा के खिलाफ केस को कमजोर करने का दबाव था। उनका दावा है कि यही उनकी जमानत का कारण बना। अब एक न्यायाधीश इस पर विचार करेगा कि उसके सामने क्या रखा गया है। अदालत वही करेगी जो कानून कहता है। टिकैत ने अंदेशा जताया है कि हमारे मामले को सही तरीके से नहीं रखा गया।
सरकारी एजेंसियों ने ठीक से काम नहीं किया
वहीं किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि जमानत में सरकार की भूमिका अहम होती है। इस मामले में सरकारी वकील, अभियोजन और पुलिस तीनों सरकारी हैं। उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया। तीनों एजेंसियां सरकार की मदद कर रही हैं।
बता दें कि अदालत ने अपने जमानती आदेश में आशीष मिश्रा के खिलाफ मामले में विसंगतियों की ओर इशारा किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। अदालत ने कहा कि जांच के दौरान न तो किसी मृतक के शरीर पर और न ही किसी घायल व्यक्ति के शरीर पर गोली लगने के निशान पाए गए।