किसानों और विपक्ष के भारी विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि विधेयकों पर किए हस्ताक्षर
कृषि संबंधी विधेयकों को पारित कराने के केंद्र सरकार के तरीके पर विपक्ष ने नाराजगी जताई थी।
विपक्ष के साथ-साथ एनडीए सरकार में सहयोगी रहे अकाली दल के अलावा देश के कई हिस्सों में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही अब ये विधेयक कानून बन गए हैं। बता दें कि पिछले दिनों राज्यसभा में कृषि संबंधी दो विवादास्पद विधेयकों के हंगामे के बीच पारित होने के बाद कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया था कि वह इन दोनों प्रस्तावित कानूनों पर हस्ताक्षर नहीं करें।
गौरतलब है कि राज्यसभा में 20 सितंबर को कृषि संबंधी विधेयकों को पारित कराने के केंद्र सरकार के तरीके पर विपक्ष ने नाराजगी जताई थी। 18 विपक्षी पार्टियों ने बिलों को पास कराने के सरकार के तरीके को 'लोकतंत्र की हत्या' बताते हुए इस मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेटर लिखा था।
इस पत्र में 'महामहिम' से अनुरोध किया गया था कि वे दोनों प्रस्तएावित कानूनों पर हस्ताक्षर नहीं करें। इसके साथ ही सरकार ने ''जिस तरीके से अपने एजेंडा को आगे बढ़ाया है'', उसके बारे में भी विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा था।
20 सितंबर को कृषि क्षेत्र से जुड़े दो विधेयक राज्यसभा में ध्वनि मत से पास हो गए थे। इस दौरान, विपक्षी पार्टी के सांसदों ने 'तानाशाही बंद करो' के नारे भी लगाए थे। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उप सभापति के आसन के पास पहुंचकर रूल बुक फाड़ दिया और आरोप लगाया कि सदन की कार्यवाही नियमों के खिलाफ हुई है।कि