सुप्रीम कोर्ट में पहली बार 3 महिला जजों समेत 9 को एकसाथ दिलाई गई शपथ, महज 36 दिन की चीफ जस्टिस रहेंगी नागरत्ना

सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस नागरत्ना का कार्यकाल महज 36 दिनों का रहेगा। वह देश की आजादी के बाद से तीसरी जज होंगीं जिनका कार्यकाल सबसे छोटा रहेगा....

Update: 2021-08-31 10:54 GMT

जनज्वार। देश के न्यायिक इतिहास में यह पहली बार है जब एकसाथ नौ जजों को शपथ दिलाई गई। जिनमें तीन महिला जज भी शामिल हैं। सीजेआई जस्टिस एनवी रमना ने कहा जजों को यह शपथ दिलाई। जिन तीन महिला जजों ने आज शपथ ली है है उनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस हीमा कोहली के नाम शामिल हैं।

जस्टिस नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले कर्नाटक हाईकोर्ट में जज थीं। उन्होंन 1987 में कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत की। इसके बाद वह 23 सालों तक वकालत करती रहीं, फिर बाद में जज की भूमिका संभाली। उन्हें साल 2008 में हाईकोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त किया गया। इसके बाद साल 20210 में जस्टिस नागरत्ना को हाईकोर्ट में स्थायी रुप से नियुक्त कियागया। जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी। वरिष्ठता के हिसाब से सितंबर 2027 में वह भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी।

हालांकि यह भी सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में चीफ जस्टिस के रूप में उनका कार्यकाल महज 36 दिनों का रहेगा। वह देश की आजादी के बाद से तीसरी जज होंगीं जिनका कार्यकाल सबसे छोटा रहेगा।

उनसे पहले जस्टिस के.एन. सिंह ऐसे चीफ जस्टिस रहे जिनका कार्यकाल सबसे छोटा रहा। जस्टिस एनके सिंह महज 18 दिनों के लिए चीफ जस्टिस रहे। उनके बाद जस्टिस राजेंद्र बाबू ने महज 30 दिनों के लिए जीफ जस्टिस के तौर पर सेवा दी। अब जस्टिस नागरत्ना 36 दिनों के लिए चीफ जस्टिस बनेंगी जो तीसरासबसे छोटा कार्यकाल होगा। 

जस्टिस बीवी नागरत्ना के पिता जस्टिस ईएस वेंकटरमैया भी 1989 में चीफ जस्टिस बने थे। भारतीय न्यायपालिका के इताहस में यह दूसरी बार है जब एक जीफ जस्टिस रहे पिता की बेटी भी चीफ जस्टिस बनेंगी।

जस्टिस बीवी नागरत्ना के पिता जस्टिस ईएस वेंकटरमैया भी 1989 में चीफ जस्टिस बने थे। भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में ये दूसरा मौका होगा, जब पिता के बाद दूसरी जेनरेशन में बेटी चीफ जस्टिस बनेगी। इससे पहले सीनियॉरिटी के हिसाब से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ नवंबर 2022 में चीफ जस्टिस बनेंगे। उनके पिता जस्टिस वाई बी चंद्रचूड़ 1978 में चीफ जस्टिस बने थे। जस्टिस वाईबी चंद्रचूड़ 7 साल भारत के चीफ जस्टिस रहे जो कि अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है।

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