नीतीश कुमार ने फोन उठाने से किया इनकार, राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा बोले - मेरा स्टेटस उनसे छोटा
President Election : राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, बॉलीवुड अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा और सुधींद्र कुलकर्णी से मुलाकात की और समर्थन मांगा।
President Election : दो दिन बाद नये राष्ट्रपति के चुनाव में लिए मतदान होगा। इस पद के लिए मैदान में केवल दो प्रत्याशी हैं। एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू ( Draupdi Murmu ) हैं तो विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रहे यशवंत सिन्हा ( Yashwant sinha ) हैं। मुर्मू और सिन्हा में एनडीए प्रत्याशी का जीतना तय है। दूसरी तरफ सिन्हा की जीत तो दूर उनके अपने भी उनका समर्थन देने से मुंह मोड़ने लगे हैं।
खास बात यह है कि वह टीएमसी से हैं और सीएम ममता बनर्जी ने भी उनसे मिलने से इनकार कर दिया था। एक दिन पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) से मुलाकात तो दूर उन्होंने तो उनका फोन उठाने तक से इनकार कर दिया। जबकि शुक्रवार को चुनाव प्रचार के तहत यशवंत सिन्हा ( Yashwant Sinha ) पटना में थे। नीतीश का मुलाकात से भी इनकार करने पर यशवंत सिन्हा ने मीडिया से कहा कि मेरा स्टेटस उनसे छोटा है।
बिहार विधानसभा में यशवंत सिन्हा ( Yashwant sinha ) ने शुक्रवार को दावा किया कि जब उन्होंने अपनी दावेदारी को लेकर सीएम नीतीश कुमार से संपर्क करना चाहा, तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) ने उनका फोन उठाने से इंकार कर दिया। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नीतीश कुमार के साथ मंत्रिमंडल में रहे सिन्हा ने कहा कि जब विपक्षी दलों ने मुझे अपना साझा उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया, तो कई राज्यों में फोन के जरिए संपर्क साधने के क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री को भी कई बार संदेश भिजवाया कि मैं उनसे बात करना चाहता हूं, पर शायद 'स्टेटस' की तुलना में इतना नीचे था कि उन्होंने मुझसे बात करना उचित नहीं समझा। इतना ही नहीं एक दौर वो भी था जब पीएम मोदी खिलाफ नीतीश और यशवंत जुगलबंदी करते नजर आते थे। आज नीतीश ने उनसे मिलने तक से इनकार कर दिया।
हेमंत सोरेन ने भी नहीं दिया साथ
चौंकाने वाली बात तो यह है कि सिन्हा (Yashwant Sinha) झारखंड ( Jharkhand ) से आते हैं, लेकिन उनका दुर्भाग्य देखिए कि वहां की सत्ताधारी पार्टी जो कांग्रेस के साथ गठबंधन में है, ने भी यशवंत सिन्हा का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। सीएम हेमंत सोरेन ( Hemant Soren ) ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी द्रोपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन करेगी।