पीएम केयर फंड को सरकारी घोषित करने वाली याचिका पर केंद्र के दिए जवाब पर कोर्ट ने कहा - 'इतना महत्वपूर्ण मुद्दा और जवाब एक पेज का'

PM Care Fund : पीएम केयर फंड को लेकर केंद्र के जवाब से असंतुष्ट दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मसले पर डिटेल में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

Update: 2022-07-13 09:28 GMT

PMO की सफाई : PM CARES फंड से सरकार का कोई वास्ता नहीं

PM Care Fund : दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High court ) ने मंगलवार को संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत पीएम केयर्स फंड ( PM Care Fund ) को एक सरकारी फंड घोषित करने की मांग वाली याचिका को लेकर केंद्र सरकार के जवाब पर घोर निराशा जाहिर की है। नाराज हाईकोर्ट ने एक बार फिर पीएमओ (PMO) से जवाब मांगा है। दिल्ली हाईकोर्ट का यह निर्देश पीएमओ ( PMO ) सचिव द्वारा दायर एक पेज के हलफनामे के जवाब में आया है।

दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High court ) के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र से जनहित याचिका (PIL) पर नये सिरे से विस्तृत और संपूर्ण जवाब दाखिल करने को कहा है। पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह के एक महत्वपूर्ण मुद्दे का सिर्फ एक पेज का जवाब को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता।

दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High court ) की पीठ ने कहा कि हमें सरकार की ओर से एक तार्किक और संतोषजनक उत्तर की आवश्यकता है। मुद्दा इतना आसान नहीं है, जितना केंद्र सरकार ( Central Government ) समझ रही है।

16 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

याचिकाकर्ता सम्यक गंगवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि यह कोष ( PM Care Fund ) भारत के संविधान के अर्थ में स्टेट (सरकारी) है। संवैधानिक पदाधिकारियों द्वारा बनाए गए किसी भी कोष को संविधान से अनुबंधित नहीं किया जा सकता है। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चार सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी।

अनुच्छेद 12 के मुताबिक पीएम केयर फंड सरकारी है

दरअसल, याची ने केंद्र सरकार ( Central Government ) से यह घोषणा करने की मांग की थी कि फंड ( PM Care Fund ) संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत सरकारी है। पीएम केयर्स फंड को अपने नाम/वेबसाइट में प्रधानमंत्री के नाम या उनके हस्ताक्षर का उपयोग करने से रोका जाना चाहिए।

आरटीआई के दायरे में नहीं है यह फंड

दूसरी तरफ केंद्र के पहले के सबमिशन के अनुसार पीएम केयर्स फंड ( PM Care Fund ) आरटीआई अधिनियम की धारा 2H के दायरे में एक सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है। केंद्र ने यह भी साफ किया था कि पीएम केयर्स फंड में कोई भी सरकारी पैसा जमा नहीं किया जाता है। पीएम केयर्स फंड के तहत केवल बिना शर्त और स्वैच्छिक योगदान स्वीकार किए जाते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ( PMO ) द्वारा इससे पहले दायर एक हलफनामे में कहा गया था यह दोहराया जाता है कि ट्रस्ट का फंड भारत सरकार का फंड नहीं है। यह राशि भारत के समेकित (संयुक्त) कोष में नहीं जाती है।

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