Patidar Reservation Movement : हार्दिक पटेल को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर लगाई रोक, अब कर पाएंगे ये काम

Patidar Reservation Movement : पार्टीदार आंदोलन मामले में गुजरात हाईकोर्ट की ओर से दो साल की सजा पर फिलहाल रोक लगाते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जब त​क सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक हाईकोर्ट के फैसले प्रभावी नहीं मानी जाएगी।

Update: 2022-04-12 06:47 GMT

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Patidar Reservation Movement : मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ( Hardik Patel ) को बड़ी राहत दी है। पाटीदार आंदोलन ( Patidar Arakshan andolan ) मामले में गुजरात हाईकोर्ट ( Gujrat High court ) की ओर से दो साल की सजा पर फिलहाल रोक लगाते हुए सर्वोच्च अदालत ( Supreme Court ) ने कहा कि जब त​क सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक हाईकोर्ट के फैसले प्रभावी नहीं मानी जाएगी। यानि गुजरात हाईकोर्ट की ओर से दो साल की सजा निलंबित रहेगी। 

2 साल की सजा पर शीर्ष अदालत ने लगाई रोक

देश की सबसे बड़ी अदालत ( Supreme court )  ने गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन ( Gujrat Patidar Arakshan Andolan ) के दौरान हुए दंगे और आगजनी मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ( Hardik Patel ) की सजा पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की अपील पर अंतिम फैसला आने तक इस मामले में कोई सजा नहीं होगी। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट को भी सलाह देते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए दोषसिद्धि होने तक आपको सजा पर रोक लगानी चाहिए।

ये है पूरा मामला

दरअसल, पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली आरक्षण की मांग को लेकर अहमदाबाद में बड़े पैमाने पर एक रैली की थी। पुलिस ने दावा किया था कि इस आयोजन के लिए आवश्यक अनुमति नहीं दी गई थी। इस मामले में लोगों के गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल को दो साल की सजा सुनाई थी। गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हार्दिक पटेल ने सुप्रीम कोर्ट कोर्ट में अपील की थी।

सुप्रीम कोर्ट में हार्दिक पटेल के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि चुनाव लड़ने से रोकना अधिकारों का हनन है। हार्दिक 2019 में एक बार चुनाव लड़ने का मौका पटेल गवां चुके हैं। उनका अपराध कोई सीरियस किलर जैसा नहीं है। गुजरात पुलिस ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया है।

वकील ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू केस का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषसिद्धि याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये भी देखना चाहिए कि इसका व्यक्ति पर क्या प्रभाव होगा और उसे बरकरार रखा गया तो उसे कभी न पूरा होने वाला नुकसान तो नहीं होगा। इसी फैसले में कहा गया था कि ऐसे मामलों में मौजूद सबूतों पर भी गौर किया जाना चाहिए। हार्दिक पटेल के खिलाफ केस में कोई सीधा सबूत नहीं है। 

Patidar Reservation Movement : साल, 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान उपद्रव के मामले में 29 मार्च 2019 को गुजरात हाईकोर्ट से हार्दिक पटेल को बड़ा झटका लगा था। गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की याचिका को ख़ारिज कर दिया था जिसमें मेहसाणा में 2015 के उपद्रव मामले में उनकी दोषसिद्धि को निलंबित करने की अपील की गई थी। दंगा भड़काने के आरोप में साल 2018 में निचली कोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।

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