Pegasus Spyware Case पर घिरी मोदी सरकार के बचाव में उतरे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया 'सुपारी मीडिया'

Pegasus Spyware Case : पेगासस मामले पर छपी रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने न्यूयॉर्क टाइम्स की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं...

Update: 2022-01-29 14:03 GMT

(केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने न्यूयॉर्क टाइम्स की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल)

Pegasus Spyware Case: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बीच न्यूयॉर्क टाइम्स की पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Spyware Case) पर प्रकाशित रिपोर्ट ने देश के भीतर हंगामा मचा दिया है। विपक्ष पूरी तरह से हमलावर है। वहीं इस बीच केंद्रीय मंत्री वीके सिंह (VK Singh) सरकार के बचाव में उतरे हैं। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए उसे सुपारी मीडिया' कहा है।

वीके सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, क्या आप न्यूयॉर्क टाइम्स पर भरोसा कर सकते हैं? उसे सुपारी मीडिया के रूप में जाना जाता है। बता दें कि अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया कि साल 2017 में जब पीए नरेंद्र मोदी इजरायल गए थे तो दो अरब डॉलर का रक्षा सौदा हुआ था। इस सौदे में पेगासस को लेकर भी डील हुई थी।

इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस अब और भी ज्यादा हमलावर हो गई है। इस मामले पर पिछले साल काफी विवाद हुआ था और विपक्षी दलों ने संसद में जाकर जासूसी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। हालांकि सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पेगागस के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए पिछले साल अक्टूबर में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था।

इस प्रकरण पर शिवसेना ने भी निशाना साधते हुए कहा है कि रिपोर्ट से साफ हो गया है कि विपक्ष ने जो मुद्दा उठाया था वो सही था। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, यह लोकतंत्र है क्या? यह तो बहुत ही घटिया हिटलरशाही है। जो बात हमने एक साल पहले रखी थी। राहुल जी ने भी रखी थी। हम लोगों ने बार-बार इस मु्द्दे को उठाया। भाजपा के बड़े बड़े लोगों पर भी निगरानी रखी जा रही थी। हमारे परिवार के बैंक अकाउंट चेक किए जा रहे हैं। हमारे फोन सुने जा रहे हैं। 

बता दें कि विपक्ष ने मोदी सरकार पर जासूसी के आरोप लगाए थे और दावा किया था कि इस सॉफ्टवेयर के जरिए तीन सौ से ज्यादा भारतीयों के नंबरों की जासूसी की गई है। इनमें पत्रकार, नेताओं की निगरानी करना भी शामिल है। मोदी सरकार पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कुछ मंत्रियों और जजों समेत कई वरिष्ठ लोगों की कथित जासूसी करने का आरोप लगा था। बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। 

Tags:    

Similar News