पेंटागन का बड़ा खुलासा - चीन तेजी से बढ़ा रहा महाविनाशक हथियारों का जखीरा, 2030 तक बना लेगा 1000 परमाणु हथियार!

अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि 2020 से भारत के साथ जारी सीमा विवाद के बीच चीनी सेना ने पश्चिमी हिमालय के दूरदराज के इलाकों में एक फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क स्थापित कर लिया है। ताकि इन इलाकों में पीएलए को तेजी से संचार सुविधा प्रदान किया जा सके।

Update: 2021-11-04 12:30 GMT

चीन 2030 तक बना सकता है 1000 परमाणु ​हथियार।

नई दिल्ली। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में ड्रैगन के नापाक और विनाशकारी इरादों का खुलासा कर दिया है। पेंटागन की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन तेजी से अपनी परमाणु ताकत में बढ़ोतरी कर रहा है। वह 2030 तक परमाणु हथियारों की संख्या 1000 तक पहुंचा लेगा। ऐसा चीन पूरी दुनिया को अपने दबाव में लेने के मकसद से कर रहा है।

इतना ही नहीं, 2020 में चीन और भारत के बीच उपजे सीमा विवाद के बाद वहां की सेना ने पश्चिमी हिमालय के दूरदराज के इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क स्थापित किया है। ताकि इन इलाकों में तेजी से संचार प्रदान किया जा सके और विदेशी इंटरसेप्शन से सुरक्षा की जा सके। ऐसा करने से चीन को सीमा पर खुफिया गतिविधियों, निगरानी और सैन्य गतिविधियों को तेज करने में मदद मिली है।

भारत के खिलाफ युद्ध की तैयारी

अमरीकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद चीन ने भारत के साथ सीमा तनाव जारी रखा और सीमा पर अपने सैन्य गतिविधियों को तेज किया। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि सीमा तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच हो रहे राजनयिक और सैन्य संवादों के बावजूद चीन अपनी हरकत से बाज नहीं आया। चीन ने एलएएसी पर अपना दवाब बढ़ाने के लिए सैन्य कार्रवाई में कोई कमी नहीं की। यह भारत के खिलाफ उसके नापाक इरादों का संकेत है।

परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाने पर जोर

इसके अतिरिक्त चीन तेजी से परमाणु हथियार को बढ़ा रहा है। आगामी 6 सालों में चीन के पास परमाणु हथियारों की संख्या 700 हो सकती है और 2030 तक यह आंकड़ा 1000 के पार पहुंच सकता है। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि आज चीन के पास कितने परमाणु हथियार हैं। एक साल पहले अपनी रिपोर्ट में पेंटागन ने दावा किया था कि चीन के पास 200 से कम परमाणु हथियार थे।

बता दें कि पिछले चार सालों से भारत और चीन के बीच लगातार गतिरोध जारी है। पहले डोललाम और उसके बाद एलएसी पर जारी सीमा विवादों की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। साल 2020 के बाद इस बार भी ठंड में लद्दाख की बर्फीली चोटियों पर दोनों देशों के सेनाएं आमने-सामने की स्थिति में होंगी। भारत ने भी चीन के इरादे को देखते हुए अपनी तैयारियां तेज कर दी है। किसी अनहोनी की स्थिति में चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार हैं।

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