परिवार रजिस्टर में खुद को मरा जानकर हैरान रह गया शख्स, अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए काट रहे दफ्तरों के चक्कर

जगदीश गौरी बाजार ब्लॉक के लुअठही गांव के जमुनहा टोला के रहने वाले हैं लेकिन सेक्रेटरी ने परिवार रजिस्टर में उन्हें घोषित कर दिया है....

Update: 2021-08-15 16:00 GMT

(खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहे देवरिया के जगदीश)

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के जगदीश उस वक्त हैरान रह गए जब उन्होंने सरकारी दस्तावेज में खुद को मरा हुआ जाना। जगदीश अब खुद को जिंदा साबित करने के सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।

जगदीश गौरी बाजार ब्लॉक के लुअठही गांव के जमुनहा टोला के रहने वाले हैं लेकिन सेक्रेटरी ने परिवार रजिस्टर में उन्हें घोषित कर दिया है। इसकी जानकारी जगदीश को छह महीने पहले तब हुई जब वह परिवार रजिस्टर की नकल लेने सेक्रेटरी के पास गए थे। इस दौरान जब उन्हें मालूम चला कि सरकारी रजिस्टर में उन्हें मृत घोषित किया गया है तो वो दंग रह गए। अब वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए इस दफ्तर से उस दफ्तर भटक रहे हैं।

उन्हें अब अपनी नौकरी खोने का खतरा दिखाई देने लगा है क्योंकि परिवार रजिस्टर की नकल कंपनी में अगर समय पर जमा नहीं कराई गई तो उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी।

यह पहला मामला नहीं है जब किसी सरकारी अधिकारी की लापरवाही के चलते किसी जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित किया गया हो। इससे पहले देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील क्षेत्र के डाला गांव निवासी राम अवध को भी सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित किया जा चुका है। राम अवध भी अपने को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं।

वहीं इस मामले को लेकर गौरी बाजार के खंड विकास अधिकारी संजय पांडेय ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। अगर सेक्रेटरी की गलती होगी तो उसे दंडित किया जाएगा। 


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