Muzaffarnagar महापंचायत में दिखीं हिंदू-मुस्लिम भाइचारे की जो तस्वीरें, वह हेट पॉलिटिक्स करने वालों को जरूर देखनी चाहिए

अपने किसान भाइयों के लिए नाश्ता और पानी देने का इनका जो जज्बा था वह देखते ही बन रहा था। इन तस्वीरों को देखकर महज वोट के लिए आपसी भाइचारे में फूट डलवाने वालों को चुल्लू भर पानी में डूबकर सुसाइड कर लेना चाहिए...

Update: 2021-09-05 11:16 GMT

हिंदू-मुस्लिम भाइचारे की प्यारी तस्वीर (photo-twitter)

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) महापंचायत में किसान एकता की ताकत अब तक दुनिया ने देख ली होगी। सड़कों पर किसानों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर से एक तस्वीर और वायरल हुई है। यह तस्वीर देखकर हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को लेकर विद्रोह कराने वाले नेताओं को कुछ अधिक ध्यान से देखने लायक है।

दरअसल, आज किसान महापंचायत (Mahapanchayat) में कई जिलों के अलावा अलग-अलग राज्यों से भी किसान व उनके समर्थक रैली में पहुँचे थे। इस दौरान कुछ स्थानीय मुस्लिम भाइयों ने किसानो के जत्थों के लिए हलवा बनवाया था। बाकायदा प्लेटों में लेकर मुस्लिम भाई बसों और अन्य वाहनों से आ रहे किसानो को हलवा खिला रहे थे।

जो हलवे की प्लेट नहीं पकड़ पा रहा था, उसे मुस्लिम (Muslims) भाई वाहन के पीछे दौड़-दौड़कर हलवा दे रहे थे। अपने किसान भाइयों के लिए नाश्ता और पानी देने का इनका जो जज्बा था वह देखते ही बन रहा था। इन तस्वीरों को देखकर महज वोट के लिए आपसी भाइचारे में फूट डलवाने वालों को चुल्लू भर पानी में डूबकर सुसाइड कर लेना चाहिए।

बता दें कि, किसान नेताओं ने आज महापंचायत में, जिन पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां किसान रैलियां करके भाजपा को वोट न डालने की अपील की है। साथ ही 27 सितंबर को भारत बंद की घोषणा भी की गई है। इसमें रेल रोको को भी शामिल किया जाएगा। इस मौके पर घोषणा की गई कि यूपी के 18 मंडलों में BJP के खिलाफ किसान महापंचायत करेंगे।

महापंचायत में उमड़ी यह भीड़ उन लोगों के लिए भी सबक है, जो अभी तक कह रहे थे कि आंदोलन करने वाले किसान नहीं हैं और आंदोलन अब टूट चुका है। किसानों की ओर से दावा किया जा रहा है कि महापंचायत में 15 राज्यों के 300 से अधिक किसान संगठन भाग ले रहे हैं।

मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत रविवार को शुरू होने के पहले ही सुबह 10 बजे ही जीआईसी मैदान पूरी तरह भर गया है। पंजाब, हरियाणा से लेकर दक्षिण भारत के किसान संगठनों के प्रतिनिधि यहां अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच इस महापंचायत पर सबकी नजरें हैं। 

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