Pithoragarh News : यूपी बरेली के दो ट्रैकर मुनस्यारी में हुए लापता, 36 घण्टे से चल रही है खोजबीन
Pithoragarh News : 10,400 फीट की ऊंंचाई पर स्थित खलिया क्षेत्र में विशाल अल्पाइन क्षेत्र है, जो बिर्थी झरने के उद्गम से लेकर मर्तोली थौड़ तक फैला हुआ है, यहां मौसम बेहद खतरनाक बना हुआ है, भारी बारिश व आंधी के चलते इलाके में बचाव दल को भी तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है...
Pithoragarh News : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन पर आए दो ट्रैकर पिथौरागढ़ जिले (Pithoragarh) के मुनस्यारी क्षेत्र (Munsyari Areas) में लापता हो गए। ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटकने के बाद इन युवकों ने खुद ही अपने फोन से अपने भटकने की सूचना दी थी। दी गई लोकेशन पर बचाव दल के पहुंचने के बाद भी 36 घण्टे से यह ट्रैकर बचाव दल को नहीं मिले हैं। वन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) और ईको डेवलेपमेंट कमेटी (Eco Devlopement Committie) के सदस्य खोज एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम बरेली निवासी दो युवक मोटर साइकिल से मुनस्यारी पहुंचे। मुनस्यारी में उन्होंने एक होटल में कमरा लिया। होटल रजिस्टर में युवक ने अपना नाम विशाल गंगवार निवासी बरेली उत्त्तर प्रदेश, मोबाइल नंबर 8218220343 और मोटरसाइकिल नंबर यूपी 25 सीई 9130 दर्ज कराया। विशाल ने अपने साथी का नाम संतोष कुमार बताया।
जिस समय यह युवा मुनस्यारी पहुंचे तो बिजली नहीं होने से उनके आधार कार्ड की फोटोकापी नहीं हो सकी तो युवाओं ने सुबह आधार कार्ड की फोटोकापी देने को कहा। लेकिन रविवार सुबह करीब दस बजे होटल वालों को बिना बताए यह युवक मोटर साइकिल से खलिया को रवाना हो गए।
करीब एक घण्टे बाद पातलथौड़ में खलिया गेट के पास पहुंचे इन युवाओं ने निर्धारित बीस रुपए की पर्ची कटवाकर उसमें भी अपना नाम और निवासी बरेली बताया साथ में मोबाइल नंबर दर्ज कराया। जिसके बाद दोनों युवक खलिया ट्रैक पर चले गए। सुबह ग्यारह बजे ट्रैकिंग पर निकले इन युवकों में से विशाल गंगवार ने इडीसी के संचालक बृजेश धर्मशक्तू को करीब चार बजे फोन करते हुए अपने रास्ता भटकने की जानकारी और लोकेशन देते हुए रेस्क्यू करने की गुहार लगाई।
इसके बाद ईको वालों ने क्षेत्र के जानकार और रेस्क्यू करने वाले पूर्व सैनिक सोनू निखुर्पा फोन नंबर युवकों को दिया और उन्हें अपनी लोकेशन सही बताने को कहा। युवकों ने सोनू निख्रुर्पा से फोन पर बात की और अपनी लोकेशन बताई। शाम साढ़े छह बजे टीम फोन से दी गई लोकेशन पर पहुंची पर दोनों युवक नहीं मिले। आधी रात तक खोज और राहत कार्य चलता रहा।
सुबह साढ़े तीन बजे बचाव दल वापस लौटा। सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे के आसपास युवकों का फिर से फोन आया। बचाव दल ने उनसे लोकेशन की फोटो वाट्सअप से भेजने को कहा। युवाओं ने लोकेशन की पूरी ट्रेसिंग भेजी। लेकिन बचाव करने वाले दल के युवकों द्वारा दी गई लोकेशन पर पहुंचने के बाद भी युवक वहां नहीं मिले।
सोमवार की दोपहर बाद खलिया क्षेत्र में मौसम बेहद खराब हो गया। इलाके में भारी बारिश और ओलावृष्टि होने लगी जो शाम तक जारी रही। ऐसे में खोज एवं बचाव दल शाम साढ़े सात बजे खाली हाथ गेट पर वापस लौट आया। युवकों के लापता होने की सूचना प्रशासन को दिए जाने के बाद वन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और इको डेवलेपमेंट कमेटी का दूसरा खोज एवं बचाव दल रवाना हो चुका है।
10,400 फीट की ऊंंचाई पर स्थित खलिया क्षेत्र में विशाल अल्पाइन क्षेत्र है। जो बिर्थी झरने के उद्गम से लेकर मर्तोली थौड़ तक फैला हुआ है। यहां मौसम बेहद खतरनाक बना हुआ है। भारी बारिश व आंधी के चलते इलाके में बचाव दल को भी तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
दूसरी तरफ होटल में इन युवकों द्वारा बुक कराए गए कमरे की चाबी भी इनके पास ही होने के कारण कमरा भी बंद है। जिस वजह से इन लड़कों का बरेली का वास्तविक पता भी नहीं मिल पा रहा है।
वैसे इस क्षेत्र में ट्रैकिंग पर आने वाले लोगों द्वारा रास्ता भटकने की घटना नई नहीं है। आम तौर पर मौसम साफ होने पर ऐसे ट्रैकर्स को आसानी से रेस्क्यू कर लिया जाता है। पिछले सप्ताह ही खलिया में गए मुंबई के दो पर्यटक भटक गए थे, परंतु उनके द्वारा दी गई लोकेशन पर पहुंचने के बाद दोनो मिल गए थे। लेकिन यदि क्षेत्र का मौसम खराब हो तो भटके हुए ट्रैकर्स के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।