कोरोना मृतकों को याद कर भावुक हुए PM मोदी तो पूर्व IAS ने कहा 'मोदी जी काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती'
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान अचानक पीएम मोदी कोरोना मृतकों को याद कर भावुक हो गए, आंसू आ गए, सोशल मीडिया की तमाम सेलेब्रिटियों ने इसे उनका पाखंड बताया है..
जनज्वार, नई दिल्ली। अपने एक बयान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी से जान गंवाने वालों को याद कर भावुक हो गए। आज पीएम मोदी ने एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोविड के दौरान जान गंवाने वालों को याद कर रहे थे। इसी दौरान अचानक पीएम भावुक हो गए, आंसू आ गए। शोसल मीडिया की तमाम सेलेब्रिटियों ने इसे उनका पाखंड बताया है।
पत्रकार व कॉलमनिस्ट स्वाती चतुर्वेदी पीएम के रोने का वीडियो ट्वाट करते हुए लिखा है कि 'उस आदमी का क्या प्रदर्शन था जो "दीदी ओह दीदी" कहना बंद नहीं कर सका जब लोग हवा के लिए हांफने लगे और मर गए। अपनी रैली की भीड़ के आकार से मोदी भी रोमांचित थे।'
वहीं पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह लिखते हैं 'मोदी जी, जब लोग मर रहे थे तब आप बंगाल में 'दीदी ओ दीदी' कर रहे थे, भीड़ देखकर उत्साहित हो रहे थे, अब आपकी इस झूठी संवेदना और नक़ली आंसुओं को देश अच्छी तरह समझता है। काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती।'
बताते चलें देश विषम परिस्थितियों में चल रहा है। कोरोना की दूसरी लहर की शुरूआत बंगाल चुनाव के वक्त हुई थी। जब पीएम मोदी को देश की चिंता करनी चाहिए थी तब वह चुवाव चीतने और प्रचार करने में मशरूफ रहे थे। यहां तक की विदेशी मीडिया ने भी उनके खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया। तमाम किरकिरी के बाद आज मोदी का यह रोता हुआ वीडियो सामने आया है। बिना नाम लिए ही वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने भी कमेंट किया है 'ये लास्ट attempt था, बोले तो आखिरी हथियार।'
भाजपा की मोदी सरकार ने चुनावी रण जीतने के लिए देश को चिताओ में झोंक दिया। जानकार लोग तब यही कह रहे थे कि चुनाव बाद प्रधानमंत्री अपना आखिरी हथियार भी इस्तेमाल करेंगे। और हथियार के तौर पर वह टीवी पर आकर रो देंगे। जनता को भावुकता में समेटने का हमेशा की तरह प्रयास करेंगे।