पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में बनती थी नकली कोरोनारोधी वैक्सीन, दिल्ली से जुड़ा है गिरोह का तार

एसटीएफ को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में कोरोना की नकली वैक्सीन समेत अन्य दवाओं को बनाने की सूचना इंटेलीजेंस ब्यूरो ने दी थी। सूचना के आधार पर एसटीएफ ने सर्विलांस व मुखबिर के जरिए लंका के रोहित नगर स्थित एक मंजिले मकान पर छापेमारी नकली कोविड टेस्टिंग किट के कारोबार का पर्दाफाश किया।

Update: 2022-02-03 07:45 GMT

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में पकड़ी गई कोरोना वैक्सीन की नकली फैक्ट्री।

बनारस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बनारस में एसटीएफ बड़ी कार्रवाई कर नकली कोरोना वैक्सीन के एक बड़े गिरोह पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने लंका इलाके के रोहित नगर से नकली कोविड शील्ड और zycovid के साथ नकली कोविड टेस्टिंग किट बड़े पैमाने पर कब्जे में ली है। पकड़े गए सामान की कीमत करीब 4 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इस मामले में अभी तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। खास बात यह है कि नकली कोरोना वैक्सीन गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला है।

एसटीएफ ने छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से भारी मात्रा में नकली कोविड टेस्टिंग किट, नकली कोविडशील्ड वैक्सीन, नकली जाइकोव डी वैक्सीन, पैकिंग मशीन, खाली शीशी, स्वाब स्टिक आदि बरामद की है। एसटीएफ वाराणसी यूनिट के डिप्टी एसपी विनोद कुमार के मुताबिक फील्ड यूनिट की टीम को लगातार फर्जी कोविड किट और वैक्सीन की जानकारी मिल रही थी। खुफिया जानकारी के आधार पर लंका थाने की रोहित नगर कॉलोनी स्थित एक फ्लैट में छापेमारी की गई।

देशभर में फैला है गिरोह का नेटवर्क

छापेमारी के बाद पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया है कि कोविड टेस्ट किट तैयार करने के लिए हम लोग दिल्ली से प्रेग्नेंसी टेस्ट किट मंगाते थे। इसका रैपर हटाकर उस पर रैपिड कोविड टेस्ट किट का रैपर लगा देते थे। इसे तैयार करने में लगभग 40 रुपए का खर्च आता था। हम लोग इसे 500 रुपए में बेचते हैं। इंजेक्शन, वैक्सीन और कोविड किट को तैयार करने का काम राकेश थावानी, शमशेर सिंह व संदीप शर्मा उर्फ मक्कू का था। अलग—अलग राज्यों में बेचने का काम दिल्ली निवासी लक्ष्य जावा, विजय कुमार और यश कुमार आदि का था। इस मामले में आरोपी लक्ष्य जावा ने पूछताछ में बताया कि यहांं तैयार इस नकली इंजेक्शन, वैक्सीन एवं किट बेचने का काम उसके साथ दिल्ली के ही रहने वाले अरूण शर्मा, अरूण पाटनी, मानसी, रणवीरव, गुरजीत, गुरबाज आदि मिलकर देश के विभिन्न राज्यों में बेचते थे। इस प्रकार भारी मात्रा में नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन, कोविड टेस्ट किट तैयार कर बेचा गया, जिससे करोड़ों रुपए का मुनाफा हुआ है। हम लोग फिर इसे तैयार कर बेचने की फिराक में थे कि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

लंका पुलिस को नहीं थी छापे की जानकारी

चौंकाने वाली बात यह है कि एसटीएफ ने लंका पुलिस को इस कार्रवाई से दूर रखा था। आरोपितों को पकडऩे के बाद उन्हें लंका थाने न ले जाकर कहीं विशेष स्थान पर उनसे पूछताछ जारी है। लंका पुलिस छापेमारी से पूरी तरह अनजान रही। घर के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई। बता दें कि एसटीएफ टीम ने मंगलवार की रात करीब सात बजे कार्रवाई शुरू की थी। इस दौरान मौके से पांच आरोपितों को हिरासत में लेकर उनका मोबाइल बंद कर दिया गया। छापे की सूचना पर संकट मोचन पुलिस चौकी के उपनिरीक्षक अनिल राजपूत उनके स्वजन के साथ मौके पर पहुंचे तो एसटीएफ की कार्रवाई की जानकारी हुई। एसटीएफ ने युवकों को साथ लेकर अन्य जगहों पर भी छापेमारी शुरू कर दी जहां से माल आता जाता था।

एसटीएफ को बनारस में कोरोना की नकली वैक्सीन समेत अन्य दवाओं को बनाने की सूचना इंटेलीजेंस ब्यूरो ने दी थी। इसके बाद एसटीएफ ने सर्विलांस व मुखबिर की सूचना पर जब लंका के रोहित नगर स्थित एक मंजिले मकान पर छापेमारी की तो वहां एक कार भी मिली, जिस पर महाराष्ट्र का नंबर अंंकित है। यह कार महाराष्ट्र के वेस्ट पालघर के वाडावली, नईगांव निवासी निशिकांत ठाकुर के नाम से रजिस्टर्ड है। उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो वह स्विच आफ बता रहा था।

गिरोह का सरगना नोटबंदी में गया था जेल

इस मामले में गिरफ्तार राकेश थवानी नकली वैक्सीन व जांच किट बनाने वाले इंटर स्टेट गिरोह का सरगना है। उसने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उसकी दशाश्वमेध में जूता चप्पल की दुकान है और वह किराए के मकान में रहता है। 2018 में नोटबंदी के दौरान नोटों को अवैध तरीके से बदलने का काम किया था, जिसमें वह जेल चला गया था। जमानत पर छूट कर आने के बाद वह जूता चप्पल की दुकान करने लगा। 2020 में कोरोना के दौरान मास्क आदि की भारी कमी हो गई थी, तब इसने मास्क, फेश-शील्ड आदि बेचने-खरीदने का काम शुरू कर दिया। इसी दौरान कोतवाली के कबीरचौरा निवासी राहुल जायसवाल से उसका संपर्क हुआ। उसने बताया कि कोरोना में कोविड टेस्टिंग किट आदि की बहुत मांग है, इसमें काफी पैसा है। उसी के जरिए लक्ष्य जावा से संपर्क किया। जावा ने दिल्ली निवासी गुरजीत से मुलाकात कराई। इसके बाद से हमलोगों ने मिलकर नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन, कोविड टेस्ट किट तैयार कर बेचने की साजिश रची। इस योजना के तहत अरूणेश विश्वकर्मा ने थाना लंका क्षेत्र के रोहित नगर नरिया में किराए का मकान लिया और वहीं से हम लोगों ने यह काम शुरू कर दिया।

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