PM Modi Security Breach : पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को किरण बेदी ने बताया बड़ी साजिश, बच गए, टाइम बम से उड़ाया जा सकता था
PM Modi Security Breach : यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री की घात का मामला है। यह पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता है। इसके लिए डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को जवाब देना पड़ेगा।
नई दिल्ली। पंजाब ( Punjab ) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक ( PM Modi Security Breach ) के पांचवें दिन पुडुचेरी की पूर्व एलजी किरण बेदी ( Kiran Bedi ) ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की काफिले को 15 से 20 मिनट पुल पर तक रोकना हत्या की बड़ी साजिश ( Big Conspiracy ) थी। जब मीडिया एजेंसी एएनआई की ओर से यह पूछे जाने पर कि पीएम के काफिले में पंजाब पुलिस और सामान्य प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी का शामिल न होना, क्या किसी हमले की योजना माना जा सकत है, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का पुल पर रूकना काफी खतरनाक था, पुल के नीचे टाइम बम ( Time Bomb ) लगा कर उड़ाया जा सकता था।
डीजीपी और मुख्य सचिव को जवाब देना चाहिए
पुडुचेरी की पूर्व एलजी और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री की घात का मामला है। यह पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता है। इसके लिए डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक पुल के ऊपर एक वीआईपी की गाड़ी को रोकना और फंसा लेने से बड़ा खतरनाक और क्या हो सकता है। बाल-बाल बच गए, प्रधानमंत्री जी इतनी देर पुल पर रहे, पुल के नीचे आप कुछ भी बम लगा सकते थे, टाइम बम लगा सकते थे, रिमोर्ट कंट्रोल से भी बम चला सकते थे।
पीएम की जान को नहीं था खतरा
घटना के दिन पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर राज्य में भाजपा के चुनावी अभियान की शुरुआत करने वाले थे। हजारों करोड़ की कई परियोजनाओं का शिलांन्यास और उद्घाटन भी करने वाले थे। बठिंडा एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से फिरोजपुर की ओर जाते समय एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक प्रदर्शनकारियों द्वारा रोके जाने के बाद उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया। भाजपा इसके लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराना शुरू कर दिया। वहीं, कांग्रेस की ओर से इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि पीएम की जान को कोई खतरा नहीं था। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि अगर पीएम मोदी की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो हम उसकी जांच करेंगे। फिलहाल, मैं इतना कह सकता हूं कि उनकी जान को कोई खतरा नहीं था।
बता दें कि पंजाब में 14 फरवरी को विधानसभा की 117 सीटों के लिए चुनाव होना है। चुनाव की वजह से सियासी दलों के बीच जोड़तोड़ भी चरम पर है। साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है।