पूंजीपतियों को लेकर PMO का ट्वीट-अब और गाली नहीं बर्दाश्त, सोशल मीडिया पर मिले एक से बढ़कर एक जवाब
पीएमओ के ट्वीट में कहा गया था कि प्राइवेट सेक्टर को गाली देना कुछ लोगों के लिए वोट हासिल करने का जरिया बना हुआ है, इसे अब और स्वीकार नहीं किया जा सकता..
जनज्वार। प्राइवेट सेक्टर को लेकर किए गए पीएमओ के एक ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस ट्वीट को निजीकरण से जोड़कर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने इस ट्वीट को पूँजीपतियों के पक्ष में किया गया ट्वीट भी बता दिया है। पीएमओ के ट्वीट में कहा गया था कि प्राइवेट सेक्टर को गाली देना कुछ लोगों के लिए वोट हासिल करने का जरिया बना हुआ है, इसे अब स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पीएमओ के इस ट्वीट में लिखा गया था, 'प्राइवेट सेक्टर के विरुद्ध गलत शब्दों का प्रयोग कुछ लोगों के लिए पहले वोट हासिल करने का जरिया बना हुआ था। प्राइवेट सेक्टर को गाली देने की संस्कृति को अब और ज्यादा स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम अपने युवाओं को इस तरह से गली देना जारी नहीं रख सकते।'
इसके बाद इस ट्वीट पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। #newton bank kumar नामक एक यूजर ने इस ट्वीट के जबाब में लिखा है, 'लेकिन कोरोना महामारी के समय सरकारी क्षेत्रों के एयरलाइंस काम कर रहे थे। सरकारी बैंक गरीब कल्याण योजना चला रहे थे, पर किसी निजी क्षेत्र ने यह क्यों नहीं किया।'
मधुबाला गौड़ नाम के एक यूजर ने लिखा, 'किसी एक योजना का नाम बताएं जिसे प्राइवेट सेक्टर ने शुरू किया हो। अगर सिर्फ लाभ कमाना ही सरकार की नजरों में विकास और तरक्की है तो सरकारी क्षेत्रों के माध्यम से योजनाएं चलाना बंद कर दें, फिर देखें हम कैसे लाभ देते हैं। वैसे इन सबके बावजूद हम लाभ दे रहे हैं।'
वहीं अलंकृत शुक्ला नामक यूजर ने पीएमओ के इस पूरे ट्वीट में प्रयोग किए गए 'प्राइवेट सेक्टर' शब्द की जगह 'पब्लिक सेक्टर' शब्द का प्रयोग कर अपना जबाब दिया है।
प्रियंका नाम की यूजर ने सवाल उठाया है, 'क्या पब्लिक सेक्टर के लोगों के बारे में गलत बोलना स्वीकार्य है? क्या वे भारतीय नहीं हैं? क्या वे देश की सेवा नहीं करते? क्या ऐसा करने से वोट मिलता है? इलेक्ट्रॉल बांड को पारदर्शी कब बनाया जाएगा?
कई यूजर्स ने इस ट्वीट के समर्थन में भी तर्क दिया है। सिद्धार्थ नाम के यूजर ने लिखा है, 'मास्क, सेनेटाइजर, दवाइयां और वैक्सीन कौन सा क्षेत्र बना रहा है। टेक्नोलॉजी और निवेश सिर्फ प्राइवेट सेक्टर ही दे सकता है। अगर सही नियम-कानून हों तो प्राइवेट सेक्टर आश्चयर्जनक रूप से अच्छा कार्य कर सकता है।'