कपिल मिश्रा के दंगा भड़काने वाले भाषण को चुपचाप सुनने वाले पुलिस अधिकारी को चाहिए 'गैलेंट्री अवार्ड'

CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का विवादास्पद भाषण चुपचाप सुनने वाले पुलिस अधिकारी वेद प्रकाश सूर्या को चाहिए 'गैलेंट्री अवार्ड', दिल्ली दंगों में बेहतर प्रदर्शन का दिया हवाला

Update: 2021-07-03 10:50 GMT

कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण के वीडियो का स्क्रीन शॉर्ट, कपिल के बगल में खड़े डीएसपी सूर्या

जनज्वार दिल्ली। सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) के मुद्दे पर बीते साल देश भर में प्रदर्शन हुए। लेकिन दिल्ली में इसका ज्यादा असर देखा गया। सीएए-एनआरसी के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में दंगे (Riots) भी हुए थे। और इन दंगों से पूर्वात्तर दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित रही थी। जहां दंगा भड़कने के एक दिन पहले बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन पर भड़काऊ बयान दिये थे।

इस विवादस्पद भाषण का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसमें बीजेपी नेता के साथ दिल्ली पुलिस के एक अफसर को देखा जा सकता था। ये ऑफिसर और कोई भी पूर्वोत्तर दिल्ली के डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या थे। अब उन्हीं वेद प्रकाश सूर्या ने इस साल वीरता के लिए दिए जाने वाले राष्ट्रपति पुलिस मेडल के लिए अपना नाम भेजा है।

दिल्ली दंगे के दौरान लोगों की जान बचाने का दिया हवाला

खबर है कि डीएसपी सूर्या ने गैलेंट्री अवार्ड के के लिए अपना नाम प्रस्तावित करने के लिए जो कारण बताये हैं, उनमें दिल्ली दंगों के दौरान सैकड़ों लोगों की जान बचाने के साथ संपत्ति के नुकसान को रोकने और दंगों में असाधारण प्रदर्शन करने की बात कही है। साथ ही दिल्ली दंगों को 3-4 दिनों में नियंत्रित किये जाने जैसी बातें शामिल हैं। अपने आवेदन में डीएसपी सूर्या ने सैकड़ों लोगों की जान बचाने की बहादुरी के बारे में भी बताया है और कहा कि पत्थरबाजी के बावजूद वे लोगों की मदद से पीछे नहीं हटे।

बता दें कि वेद प्रकाश सूर्या के साथ-साथ 25 अन्य पुलिसकर्मियों ने भी राष्ट्रपति पुलिस मेडल के लिए अपने नाम हेडक्वार्टर भेजे हैं। इनमें सूर्या के जेसीपी आलोक कुमार और उनके अंडर आनेवाले कई पुलिस वाले भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर ने दंगे रोकने के लिए अपनी भूमिका का ही जिक्र किया है।

क्यों दिया जाता है गैलेंट्री अवार्ड

उल्लेखनीय है कि बहादुरी के लिए सम्मानित करने के तौर पर दिए जाने वाले गैलेंट्री अवार्ड को किसी की जान या संपत्ति को नुकसान से बचाने और अपराध को रोकने और अपराधियों को पकड़ने के लिए दिया जाता है। पूरे मामले को लेकर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अलग-अलग जिलों से पुलिस हेडक्वार्टर में नामों के प्रस्ताव भेजे जाते हैं। जहां एक वरिष्ठ पुलिस अफसरों की कमेटी इन नामों पर विचार करती है और आखिर में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर नामों पर मुहर लगाते हैं। जिसके बाद फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजी जाती है।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक डीएसपी सूर्या ने कुछ दिन पहले ही इस अवॉर्ड के लिए आवेदन दिया था। उनके साथ 24 अन्य पुलिस अफसरों के आवेदन भी हेडक्वार्टर भेज दिए गए हैं। खबर है कि इनमें से 23 पुलिसकर्मियों ने तो अपने लिए 'असाधारण कार्य पुरस्कार' की मांग की है और 14 ने 'आउट-ऑफ-टर्न' प्रमोशन मांगा है। बताया गया है कि सूर्या ने अपने आवेदन में तीन से चार दिन के अंदर दंगों को नियंत्रित करने का दावा किया है। बता दें कि डीएसपी वेद प्रकाश सूर्या का इस साल 24 फरवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली से राष्ट्रपति भवन में तबादला किया गया है।

क्या था कपिल मिश्रा का भड़काऊ बयान?

बता दें कि कपिल मिश्रा ने 23 फरवरी को दिल्ली के मौजपुर में विवादास्पद भाषण दिया था। अपने भाषण के वीडियो को उन्होंने ट्वीट भी किया था, जिसमें डीएसपी वेद प्रकाश शर्मा उनके बगल में खड़े हैं। वीडियो में कपिल मिश्रा को बोलते सुना जा सकता है कि, डीएसपी आपके सामने खड़े है, और आपकी तरफ से मैं कहना चाहता हूं कि जब तक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यहां है, तब तक हम शांति से रास्ता छोड़ रहे हैं। आगे कहा था कि लेकिन अगर तीन दिन में CAA के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को रास्ते से नहीं हटाया गया तो वे लोग किसी की भी नहीं सुनेंगे। बताया जाता है कि मिश्रा के इस भाषण के बाद ही क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण हो गए थे।

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