CM खट्टर व भाजपा नेताओं की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज, दर्जनों घायल और गिरफ्तार

किसानों पर लाठीचार्ज के बाद गुस्साए किसानों ने बसताडा चौक पर जाम लगाया है। पुलिस बल वहां के लिए भी रवाना हो गया है ताकि हाईवे को जाम होने से बचाया जा सके....

Update: 2021-08-28 07:56 GMT

(रेलवे रोड स्थित होटल प्रेम प्लाजा में भाजपा नेताओं की चल रही बैठक का विरोध कर रहे थे किसान)

जनज्वार। करनाम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा नेताओं की बैठक का विरोध कर रहे किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया तो पुलिस ने उनपर बर्बर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें दर्जनों किसानों के घायल होने की खबर हैं। खबरों के मुताबिक रेलवे रोड स्थित होटल प्रेम प्लाजा में मुख्यमंत्री खट्टर और पंचायत व स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर बैठक चल रही है। किसान इसका विरोध कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक किसानों ने दोपहर बारह बजे बसताडा टोल प्लाजा पर हाइवे जाम करने का प्रयास किया। पुलिस ने पहले किसानों को ऐसा न करने के लिए कहा लेकिन किसानों ने उनकी न सुनी तो पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज कर हाईवे को खाली करवाया। लाठीचार्ज में 12 से ज्यादा किसानों के बुरी तरह से घायल होने की खबर है।

वहीं किसानों पर लाठीचार्ज के बाद गुस्साए किसानों ने बसताडा चौक पर जाम लगाया है। पुलिस बल वहां के लिए भी रवाना हो गया है ताकि हाईवे को जाम होने से बचाया जा सके।

खबरों के मुताबिक किसानों ने रेलवे रोड स्थित प्रेम प्लाजा में आयोजित भाजपा की बैठक का विरोध करने का ऐलान किया था। इसके लिए किसानों को पहले डेरा कार सेवा में एकत्रित होना था लेकिन प्रशासन ने उन्हें एकत्रित नहीं होने दिया। इसके बाद किसानों ने बसताडा टोल प्लाजा पर डेरा डालना शुरू कर दिया। दोपहर 12 बजे तक किसानों और पुलिस के बीच बहस चलती रही। किसान अपनी बात पर अड़े थे कि वह करनाल की ओर कूच करेंगे लेकिन पुलिस बल ने पहले उन पर बेरहमी से लाठीचार्ज कर दिया।

बता दें कि सितंबर 2020 में पारित किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बीते नौ महीनों से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के इतिहास में यह पहली बार है जब किसान आंदोलन इतने लंबे समय तक चला हो।

उधर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने दावा किया है कि आंदोलन में 650 किसान अबतक कुर्बानी दे चुके हैं जबकि 37 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज किए जा चुके हैं। चढूनी कहते हैं कि पूरे देश में जागृति आई है कि भाजपा को हरा देंगे, पर यह भी सत्य है कि क्या दूसरी सरकार हमारी बात को मानेगी। मैं किसान मोर्चा के साथ हूं, पर विचार थोड़े से अलग हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हम पचास हजार या पांच लाख या दस लाख किसान भी पीएम को घेर लें तो इनके पास रास्ता क्या बचेगा। कोई कानूनी नहीं कहता कि जनता को गोली मार दो। आखिरकार हमारी बात माननी ही पड़ेगी। भाजपा हटने के बाद हमारी सुनी और मानी जाएगी, यह बात मुझे जमती नहीं है। हम चुनाव में अपने नुमाइंदे उतारकर अपनी सरकार बना सकते हैं क्योंकि दोष नीतिकारों का है। 

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