Prashant Bhushan को दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी में आयोजित कार्यक्रम में जाने से रोका, सड़क पर ही दिया भाषण

Prashant Bhushan: वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि विषय को देखते हुए कार्यक्रम रद्द करने का दबाव था क्योंकि मौजूदा सरकार के खिलाफ उनका रुख था....

Update: 2022-03-27 04:46 GMT

Prashant Bhushan को दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी में आयोजित कार्यक्रम में जाने से रोका, सड़क पर ही दिया भाषण

Prashant Bhushan : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) को दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) की लॉ फैकल्टी में आयोजित एक कार्यक्रम में जाने से रोक दिया गया। खबरों के मुताबिक 'चैलेंजेज टू द इंडियन कंस्टीट्यूशन' नामक विषय पर चर्चा आयोजित की गई थी, लेकिन प्रशांत भूषण को बीस मिनट पहले ही बार रोक दिया गया। फैकल्टी ने छात्रों के व्यवहार का हवाला देते हुए उनके कार्यक्रम को रोक दिया। वहीं कैंपस में न बोलने देने पर प्रशांत भूषण ने सड़क पर ही एक छोटा सा व्याख्यान दिया।

वरिष्ठ अधिवक्ता भूषण ने आरोप लगाया कि विषय को देखते हुए कार्यक्रम रद्द करने का दबाव था क्योंकि मौजूदा सरकार के खिलाफ उनका रुख था। वहीं लॉ फैकल्टी की डीन उषा टंडन ने कहा कि यह सूचित किया जाता है कि सीएलसी (Campus Law Centre) के कुछ छात्रों द्वारा आयोजित 'चैलेंजेज टू द इंडियन कंस्टीट्यूशन' से संबंधित कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति रद्द कर दी गई है। सेमिनार और कान्फ्रेंस रूम बुकिंग कमिटी के निर्णय के मुताबिक 25 मार्च से छात्रों के असहनीय व्यवहार के कारण ये निर्णय लिया गया।

इस मामले को लेकर प्रशांत भूषण ने कहा कि अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से आयोजन करने वाले छात्रों से कहा था कि बातचीत की अनुमति नहीं दी जाएगी। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को अपने राजनीतिक आकाओं से निर्देश मिला होगा कि आप प्रशांत भूषण को यहां भाषण देने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? मैं आज गया क्योंकि छात्रों से मिलना मेरा कर्तव्य व जिम्मेदारी थी। आज का दिन एक उदाहरण था कि जिस वक्ता के विचार इस सरकार के खिलाफ हैं, उसे इस यूनिवर्सिटी में बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आयोजकों में शामिल एक छात्र ने बताया कि हमें सेमिनार हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति थी। हम कल शाम से चाभी मांग रहे थे लेकिन हमें मना कर दिया गया। हमने उन्हें बताया कि महामारी के कारण पिछले दो साल से कमरा बंद है इसलिए हमें कमरे को साफ करने और उसे ठीक करने के लिए चाभी की जरूरत है। इसके बाद हमने विरोध शुरू किया जिसके बाद अधिकारियों ने पुलिस को बुलाया।

वहीं डिप्टी प्रॉक्टर गुंजन गुप्ता ने कहा कि कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला ऊपर से लिया गया। आज नोटिस में वे कह रहे हैं कि यह हमारे व्यवहार के कारण है। कार्यक्रम रद्ध करने के पीछे कारण पूछने पर प्रॉक्टर गुप्ता ने कहा कि मैं सही व्यक्ति नहीं हूं। आपको अधिकारियों से बात करनी चाहिए। 

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