Priyanka Chaturvedi ने संसद टीवी के एंकर पद से दिया इस्तीफा, ये है मामला
Priyanka Chaturvedi Quits Parliament TV Show: प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद टीवी से इस्तीफा दे दिया है। प्रियंका चतुर्वेदी ने अपना त्यागपत्र राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को भेज दिया है।
Priyanka Chaturvedi Quits Parliament TV Show: प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद टीवी से इस्तीफा दे दिया है। प्रियंका चतुर्वेदी ने अपना त्यागपत्र राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को भेज दिया है। जिसमें प्रियंका चतुर्वेदी ने वेंकैया नायडू को अपने और अन्य ग्यारह सांसदों के निलंबन को शो से इस्तीफा देने का कारण बताया है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने उपराष्ट्रपति को भेजे अपने त्यागपत्र में कहा है कि वे संसद टीवी के शो मेरी कहानी में एंकर की भूमिका को आगे नहीं निभा सकतीं। शिवसेना नेता ने कहा कि संसदीय नियमों के खिलाफ जा कर मेरी और मेरी पार्टी की आवाज को संसद में दबाए जाने का प्रयास किया गया है। जिसके बाद में शो से बतौर एंकर जुड़ने की इच्छुक नहीं हूं क्योंकि मुझे मेरे संवैधानिक शपथ से वंचित किया गया है।
It is with anguish that I step down as anchor of @sansad_tv's show Meri Kahani,I am unwilling to occupy space on Sansad TV for a show but denied space on it fr discharging parliament duties due to arbitrary suspension.Hence as much as I was committed to the show,I must step away. pic.twitter.com/6hSMFEWjBA
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) December 5, 2021
शिवसेना नेता ने निलंबन को लेकर कहा कि यह संसदीय इतिहास में पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को पूरे सत्र से निलंबित किया गया है। ऐसा संसदीय इतिहास में कभी नहीं हुआ जब पिछले सत्र का हवाला देकर सांसदों को निलंबित किया गया हो। इसलिए तमाम सांसदों के समर्थन में खड़ा रहना मेरा दायित्व बनता है।
शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन प्रियंका चतुर्वेदी समेत कुल बारह सांसदों को पूरे सत्र से निलंबित कर दिया गया। सांसदों के निलंबन का आधार उनके पिछले सत्र के दौरान आचरण को बनाया गया। इन सांसदों को बिना सूचित किए पूरे सत्र से निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद केंद्र सरकार को विपक्ष के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा।
लेकिन इसके बावजूद इन सांसदों के निलंबन को अब तक वापस नहीं लिया गया है। निलंबित होने वाले सांसदों में सबसे अधिक 6 सांसद कांग्रेस पार्टी के हैं। जबकि दो दो सांसद शिवसेना और टीएमसी के हैं। वहीं सीपीआई और सीपीएम के एक एक सांसद हैं।