पुलवामा हमला सुनियोजित साजिश, लोस चुनाव जीतने के लिए BJP ने बहाया 40 जवानों का खून : शिवसेना

सामना ने लिखा है कि पुलवामा में हमारे सैनिकों की हत्या 'देशांतर्गत राजनीतिक षडयंत्र' था। लोकसभा का चुनाव जीतने के लिए 40 जवानों का खून बहाया गया था, ऐसे आरोप उस समय भी लगे थे। सामना ने लिखा है कि अर्णब गोस्वामी का वाट्सएप चैट बाहर आया है जो उन आरोपों को बल देने वाला है।

Update: 2021-01-21 08:44 GMT

जनज्वार। शिवसेना ने 2019 के पुलवामा हमले को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरेाप लगाए है। महाराष्ट्र में कांग्रेस व एनसीपी के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना ने कहा रिपब्लिक भारत चैनल के चीफ अर्णब गोस्वामी के चैट लीक को लेकर भाजपा पर सवाल उठाते हुए अपने अखबार सामना में गंभीर आरोप लगाया है।

सामना ने लिखा है कि पुलवामा में हमारे सैनिकों की हत्या 'देशांतर्गत राजनीतिक षडयंत्र' था। लोकसभा का चुनाव जीतने के लिए 40 जवानों का खून बहाया गया था, ऐसे आरोप उस समय भी लगे थे। सामना ने लिखा है कि अर्णब गोस्वामी का वाट्सएप चैट बाहर आया है जो उन आरोपों को बल देने वाला है।

14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर पुलवामा में सीआरपीएफ दस्ते पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद उस समय समाजवादी पार्टी के नेता डाॅ रामगोपाल यादव ने भी इस पर सवाल उठाया था और इसके पीछे साजिश का संदेह जताया था।

शिवसेना ने अपने लेख में कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अनेक गोपनीय बातें अर्णब गोस्वामी ने सार्वजनिक कर दी है तो इस पर भाजपा तांडव क्यों नहीं करती है? सामना ने लिखा है कि चीन ने लद्दाख में प्रवेश कर हिंदुस्तान की जमीन पर कब्जा कर लिया है। चीन पीछे हटने को तैयार नहीं है पर इस पर BJP तांडव क्यों नहीं होता है?

सामना में शिवसेना ने यह भी सवाल उठाया है कि अर्णब को गोपनीय जानकारी देकर राष्ट्रीय सुरक्षा की धज्जियां उड़ाने वाले असल में कौन थे? अखबार ने लिखा है कि 40 जवानों के शहीद होने पर अर्णब गोस्वामी द्वारा आनंद प्रकट करना देश, देव और धर्म का अपमान है।

शिवसेना के अखबार ने लिखा है कि भाजपा तांडव के विरोध में खड़ी है, लेकिन वह भारत माता का अपमान करने वाले अर्णब गोस्वामी के संबंध में मुंह बंद कर चुप क्यों बैठी है? सामना के लेख में कहा गया है कि हिंदुस्तानी सैनिकों व उनकी शहादत का जितना अपमान गोस्वामी ने किया, उतना अपमान पाकिस्तानियों ने भी नहीं किया होगा।

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे, गुलाम नबी आजाद व सलमान खुर्शीद ने पत्रकार वार्ता कर अर्णब गोस्वामी चैट मामले की जांच कराने और सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की थी।

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