किसान आंदोलन : नाराज लोगों ने पंजाब में सैकड़ों रिलायंस जियो टाॅवर की काटी बिजली, ट्रेंड कर रहा #BoycottJio

किसान संगठनों ने रिलायंस जियो के टाॅवर को नुकसान पहुंचाने से खुद को अलग कर लिया है और कहा है कि यह नाराज लोगों का गुस्सा हो सकता है, हमने उन्हें संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने से मना किया है...

Update: 2020-12-28 06:36 GMT

जनज्वार। किसान आंदोलन का सोमवार को 33वां दिन है। 26 नवंबर को शुरू हुआ आंदोलन अब अपने अगले दौर में प्रवेश कर चुका है और इस बीच किसान संगठनों एवं सरकार के बीच 29 दिसंबर को वार्ता प्रस्तावित है, जिस पर सरकार के पक्ष की सहमति का इंतजार है। इस बीच पंजाब में कुछ जगहों पर बिजली काट दिए जाने से रिलायंस जियो के टाॅवर में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, बिजली काट दिए जाने से पंजाब के 150 जियो टाॅवर में पिछले 24 घंटे में परेशानी उत्पन्न हुई है। विरोध प्रदर्शन के कारण अबतक 1338 से अधिक मोबाइल टाॅवरों की बिजली काटी गयी है। भटिंडा के तलवंटी साबो इलाके व फाजिल्का में ऐसे मामले सामने आए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, कुछ इलाकों में टाॅवर की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। एक जगह पोल फेंक दिए जाने व जला हुआ केबल बाॅक्स पाए जाने का मामला सामने आया है। कुछेक जगहों पर मेंटनेंस का काम करने वाले कर्मचारियों से धक्का-मुक्की किए जाने की भी खबरें हैं।

हालांकि भारतीय किसान यूनियन, उग्राहन गुट के उपाध्यक्ष शिंगारा सिंह मान ने कहा है कि हमने किसी को ऐसा कुछ करने के लिए नहीं कहा है और लोगों का यह बताने वाला पहला संगठन थे कि विरोध में टाॅवर को न नुकसान पहुंचाना है और बिजली कनेक्शन को काटना है। उन्होंने कहा कि हम केवल मोबाइल कंपनी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा कर रहा है तो वह स्वयं पूंजीपतियों से नारागजी की वजह से ऐसा कर रहा है।

इस बीच सोमवार को ट्विटर पर बाॅयकाट जियो ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग पर लोग ट्वीट कर किसान कानून के मुद्दे पर रिलायंस जियो का विरोध कर रहे हैं और यह कह रहे हैं कि मोदी सरकार ने नया कृषि कानून अडानी-अंबानी के हित के लिए लाया है। इस बीच सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे वीडियो आए हैं जिसमें लोगों का समूह मोबाइल टाॅवर को नुकसान पहुंचाते दिख रहे हैं। कुछ लोग ऐसा किए जाने का विरोध कर रहे हैं और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने से असहमति व्यक्त कर रहे हैं।

हालांकि बाद में किसान यूनियनों ने यह किया कि मोबाइट टावरों की बिजली आपूर्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा क्योंकि स्कूलों में परीक्षा का समय है और बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे हैं। पहले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इससे आमलोगों को तकलीफ के साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होगा।

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