अवैध शराब पंजाब की बनी सबसे बड़ी समस्या, रोक के लिए एसआईटी टीम गठित

मुख्यमंत्री ने संगठन को हितकारकों से सलाह लेने के बाद अपने सुझाव लाने को कहा है ताकि इससे लंबे समय तक कानून और प्रशासन में सुधार आ सके।

Update: 2020-06-06 14:26 GMT

जनज्वार। पंजाब में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अवैध शराब के व्यापार की जांच की घोषणा के एक दिन बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को उत्पादों, थोक विक्रेता और फुटकर विक्रेताओं के बीच की सांठगांठ को तोड़ने के लिए आबकारी सुधार समूह की स्थापना की है।

धिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, पांच-सदस्यीय समूह को 60 दिनों के भीतर सांठगांठ तोड़ने पर अपनी सिफारिशें पेश करने को कहा गया है, जो पंजाब में अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने और राज्य के उत्पाद शुल्क को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

स समूह में आवास और शहरी विकास मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया और सार्वजनिक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी.एस. काल्हा, वित्तीय संसाधन के सलाहकार वी.के. गर्ग के अलावा स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार शामिल हैं।

ह समूह एसआईटी के साथ मिलकर काम करेगा। इसका उद्देश्य सभी अवैध कारोबारियों तथा आबकारी विभाग के अधिकारियों की जांच करना है, जिससे राज्य सरकार के राजस्व में हो रहे नुकासान का पता चल सके।

मुख्यमंत्री ने संगठन को हितकारकों से सलाह लेने के बाद अपने सुझाव लाने को कहा है ताकि इससे लंबे समय तक कानून और प्रशासन में सुधार आ सके। इस मामले में, समूह राज्य वित्तमंत्री की पश्चिम बंगाल की यात्रा पर और पिछले स्थानीय सरकार के मंत्री से प्राप्त सुझावों और रिपोर्टों पर विचार कर सकता है।

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