Punjab में अन्नदाता का फिर फूटा का गुस्सा, अमृतसर में रोकी रेल, मान सरकार को दी चेतावनी

Punjab : संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने न तो एमएसपी पर समिति बनाई और न ही किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए हैं।

Update: 2022-07-31 11:15 GMT

Punjab : पंजाब के किसानों में अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर असंतोष उबाल लेने लगा है। अभी तक किसानों की मांगों पर अमल न होने के बाद रविवार को पंजाब के किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन ( Farmer Protest ) किया। अमृतसर ( Amritsar ) में किसानों ने भारी संख्या में पटरियों पर जमा होकर रेल यातायात ( Rail track block) को ठप कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा ( SKM ) के बैनर तले देशव्यापी विरोध के आह्वान के बाद आज पंजाब के किसानों ने सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चार घंटे का रेल रोको विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने रेल की पटरियों पर लेटकर प्रदर्शन किया, जिसमें लगभग 40 कृषि संगठन शामिल हैं।

अंबाला, पंचकूला और कैथल के टोल पर जोरदार प्रदर्शन

पंजाब ( Punjab News ) के किसानों ने मुख्य मांग फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पर अमल कराने की है। ऐसा न होने के बाद किसानों ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए अमृतसर और बठिंडा के वल्लाह में रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया। इसके अलावा किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अंबाला, पंचकूला के बरवाला और कैथल के चीका में शंभू टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया। बीकेयू के महासचिव और एसकेएम राज्य समिति के सदस्य हरिंदर सिंह लखोवाल ने द ट्रिब्यून को बताया था कि किसान संगठन 18 से 30 जुलाई तक जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित करेंगे। ताकि विरोध के लिए समर्थन जुटाया जा सके।

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि न तो एमएसपी पर समिति बनाई गई है और न ही आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज झूठे मामले वापस लिए गए हैं। एसकेएम के नेताओं ने किसानों की सबसे बड़ी मांग एमएसपी पर कानूनी गारंटी पर विचार करने के लिए तैयार नहीं होने का भी आरोप लगाया। इससे पहले जुलाई में किसान संघों ने जल प्रदूषण के आरोपों को लेकर औद्योगिक निकायों और स्थानीय निकायों के विभागों के खिलाफ धरना दिया था।

3 अगस्त को भगवंत मान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

वहीं, एसकेएम ने तीन अगस्त को पंजाब सरकार ( Punjab Government ) के खिलाफ कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करने का भी फैसला किया हैए जिसमें गन्ने का बकाया भुगतान नहीं करना और सफेद मक्खी से क्षतिग्रस्त कपास की फसल का मुआवजा शामिल है। बीकेयू सिद्धूपुर के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि किसान उस दिन राज्य के माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्रों में तीन स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध करेंगे।

बता दें कि मई में पंजाब के किसानों ने चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास राज्य की राजधानी में जाने से रोकने के बाद गेहूं की फसल पर बोनस के लिए सरकार पर दबाव डालने और 10 जून से धान की बुवाई की अनुमति देने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था।

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