Punjab News : 1 महीने के अंदर भगवंत मान सरकार बेनकाब, BJP के सीएम से सवाल, क्या जाति के नाम चलेगी सरकार

Punjab News : पंजाब में जनरल कैटेगरी के उपभोक्ता फ्री से 1 यूनिट भी ज्यादा होने पर इस सुविधा का नहीं लाभ नहीं उठा पाएंगे। आरक्षित श्रेणी के उपभोक्ताओं को इस शर्त से बाहर रखा गया है।

Update: 2022-04-17 11:05 GMT

Arvind Kejriwal and Bhagwant Mann

Punjab News : पंजाब में एक माह के अंदर आम आदमी पार्टी का जातिवादी चेहरा उभरकर सामने आ गया है। विरोधी दलों ने भगवंत सरकार पर जातिवाद के नाम पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि अगर किसी कंज्यूमर ने अदालत में जाति के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए अदालत में याचिका दायर कर दी पूरी सरकार ही जातिवादी घोषित सकती है।

जाति के आधार पर भेदभाव करने का आरोप

16 अप्रैल को भगवंत मान सरकार ने पंजाब में अपने कार्यकाल के एक माह पूरे कर लिए हैं। एक माह पूरा होने पर फ्री बिजली देने के अपने वादों को पूरा भी किया, लेकिन अब इसमें एक कानूनी झोल आ गया है जिसकी वजह से सरकार घिर गई है। सरकार ने स्पष्ट किया कि सामान्य कैटेगरी को फ्री से एक यूनिट ज्यादा खर्च होने पर पूरा बिल चुकाना होगा।

सरकार के इस ऐलान के बाद से विरोधी हमलावर हो गए हैं। भाजपा के प्रदेश महासचिव सुभाष शर्मा ने सीएम भगवंत मान से सवाल पूछा कि जब यह गारंटी दी थी तो क्या बताया था कि जाति के आधार पर इस योजना का लाभ देंगे। शर्मा ने पूछा कि क्या सामान्य वर्ग में गरीब परिवार नहीं हैं। उन्होंने इसे सामान्य वर्ग के लोगों के साथ अन्याय और धोखा करार दिया।

क्या है फ्री बिजली की शर्तें

दरअसल, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली देगी। चूंकि, पंजाब में बिजली बिल 2 महीने बाद आता है। यानी एक बिलिंग साइकल पर 600 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। इसी में पेंच है कि अगर SC, BC, फ्रीडम फाइटर और BPL फैमिली ने 2 महीने में 600 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च की तो उन्हें सिर्फ उन्हीं अतिरिक्त बिजली का बिल देना होगा। जबकि जनरल कैटेगिरी के उपभोक्ताओं को एक यूनिट भी ज्यादा होने पर पूरा बिल चुकाना होगा। विरोधी दलों के नेताओं का आरोप है कि यदि 600 यूनिट से ज्यादा यानी 1 यूनिट अतिरिक्त बिजली खर्च हुई तो जनरल कटेगरी के उपभोक्ताओं के पूरी 601 यूनिट का ही बिल देना होगा। यह जाति के आधार पर सरकार का खुल्लमखुल्ला संविधान विरोधी कार्य है।

सोशल मीडिया में फ्री बिजली पर लोगों के बहस जारी है। कुछ लोग इस योजना को सामान्य वर्ग के लोगों के लिए अन्या बता रहे हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि पहली बार जनरल कैटेगिरी को 600 यूनिट मुफ्त बिजली मिल रही है। इसका विरोध करने की बजाय बिजली बचत करनी चाहिए। ऐसे लोग भेदभाव क्यों के सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं। दूसरी तरफ आप सरकार ने यह तो कह दिया कि हर घर को 600 यूनिट मुफ्त बिजली देंगे। यहां पर पेंच यह है कि पंजाब में कई घर ऐसे हैं, जहां अलग-अलग नाम से कनेक्शन लगे हुए हैं। इसको लेकर सवाल है कि क्या एक घर के सभी कनेक्शन पर 600 यूनिट फ्री बिजली मिलेगी या नहीं। इस मुद्दे पर अभी मान सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। 

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